हामदल्ला ने यहां संयुक्त राष्ट्र के अमेरिकी राजदूत समांथा पॉवर से मुलाकात की और कैद पत्रकार मोहम्मद अल-किक को रिहा कराने में मदद मांगी।
पेशे से पत्रकार अल-किक ने ‘अंतर्राष्ट्रीय कानूनों एवं नियमों’ का उल्लंघन करते हुए अपनी गिरफ्तारी के विरोध में भूख हड़ताल कर रखी है, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य काफी गिर गया है।
इससे पहले फिलिस्तीन के आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को चेतावनी जारी की कि ‘अल-किक की हालत बेहद नाजुक हो चुकी है और उनकी हालत में हर मिनट गिरावट जारी है।’
टीवी रिपोर्टर अल-किक को बीते वर्ष नवंबर में इजरायली सुरक्षाबलों ने प्रशासनिक गिरफ्तारी नीति के तहत गिरफ्तार कर लिया था। अल-किक पिछले 80 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।
इजरायल की प्रशासनिक गिरफ्तारी नीति के तहत इजरायली अधिकारियों को किसी व्यक्ति को बिना मामला दर्ज किए या सुनवाई का मौका दिए बगैर गोपनीय सूचना के आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत देता है। यहां तक कि उन गोपनीय सूचनाओं का छह महीने तक न तो कैदी के सामने खुलासा किया जाता है और न ही उसके वकील को और इसे अनियतकाल तक रीन्यू भी किया जा सकता है।
हामदल्ला ने इजरायल द्वारा किए जाने वाले उल्लंघनों, खासकर हत्याओं, बस्तियां बसाने और घरों को ढहाने जैसे मुद्दों पर बातचीत की और फिलिस्तीनवासियों का संदेश अमेरिकी प्रशासन तक पहुंचाने की अपील की और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की मांग की।