चंडीगढ़, 15 जून (आईएएनएस)। पंजाब में गिरते भूजल की समस्या से निपटने के लिए जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन का व्यापक मास्टर प्लान तैयार करने के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने शनिवार को अमृतसर में इजरायल से आए तीन-सदस्यीय विशेषज्ञ दल से मुलाकात की।
इससे पहले विशेषज्ञों की टीम के साथ जल संसाधन विभाग ने वर्तमान स्थिति और जल से संबंधित समस्याओं का सामना करने में आ रही चुनौतियों का आकलन करने के लिए राज्य के विभिन्न भागों का दौरा किया।
अपने तीन-दिवसीय दौरे के दौरान विशेषज्ञों की टीम ने राज्य में मौजूदा जल संसाधनों और आधारभूत संरचना का मुआयना किया।
इंटरनेशनल स्पेशल प्रोजेक्ट्स कोऑर्डिनेटर ऑफ मेकोरॉट डीगो बर्जर, परियोजना निदेशक नीव पिंटोव, मेकोरोट फॉर नॉर्थ डिस्ट्रिक के जल अभियंता तोमेर मालोल ने जल संसाधन मंत्री के साथ राज्य में बिगड़ते जल संसाधनों की गंभीर समस्या से निपटने और इसके साधनों पर चर्चा की।
दल ने सरकरिया को बताया कि वे पंजाब के लिए छह रिपोर्टे- ‘स्टडी इन करंट सिचुएशन ऑफ वाटर सेक्टर’, ‘वॉटर बेस्ड इकोनॉमी रेगुलेशंस’, ‘प्रोजेक्शंस ऑफ द वॉटर रिसोर्सेज’, ‘प्रोजेक्शन ऑफ वॉटर डिमांड’, ‘ऑल्टरनेटिव वॉटर सप्लाई स्कीम्स’, ‘इकोनॉमिक एनालिसिस एंड मास्टर प्लान समरी एंड रिकमेंडेशंस’ सौंपेंगे।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पिछले साल अक्टूबर में इजरायल दौरा करने के बाद इजरायल की राष्ट्रीय जल कंपनी मेकोरोट और पंजाब सरकार ने अप्रैल में एक समझौता किया था।
समझौते के तहत, मेकोरोट की सिफारिशें 18 महीनों में दाखिल की जाएंगी।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि मास्टर प्लान की अंतिम रिपोर्ट के अक्टूबर 2020 तक आने की उम्मीद है।