इंदौर- मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बहुतायत में होने वाले सिकल सेल एनीमिया रोग के उपचार के लिए इंदौर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
इंदौर संभाग में सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित आदिवासी बहुल जिलों में सिकल सेल रोग की जांच और प्रबंधन को मजबूत बनाने के प्रयास जारी है। सिकल सेल एनीमिया रोग के प्रबंधन हेतु धार एवं खंडवा जिले से पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस रोग से ग्रसित व्यक्तियों तथा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रह रहे लोगों की स्क्रीनिंग प्रारंभ की जाएगी। उसके बाद इस मॉडल को संपूर्ण प्रदेश एवं देश में क्रियान्वित किया जाएगा।
सिकल सेल केा लेकर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की मौजूदगी में हुई बैठक में इंदौर के एमजीएम कॉलेज में सिकल सेल एनीमिया के इलाज हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी गई।
बताया गया है कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं उपचार हेतु इंदौर में स्थापित किए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आवश्यक तकनीकी सहयोग हेतु संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसीमिया के मरीजों को बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एचएलए टेस्टिंग लैब की स्थापना भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ की जाएगी। इसके साथ ही रक्त के विभिन्न कंपोनेंट्स को अलग करने के लिए हब एंड स्पोक मॉडल भी तैयार किया जाएगा।
भारत सरकार के जनजातीय स्वास्थ्य केंद्र की सलाहकार डॉ विनीता श्रीवास्तव ने बताया है कि उनकी टीम द्वारा विगत दिवस खंडवा एवं धार जिले का निरीक्षण किया गया था। उक्त दोनों जिलों में सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्तियों से चर्चा की तथा उनके पोषण एवं स्वास्थ्य से जुड़े अन्य समस्याओं को जानने का प्रयास किया।