इंदौर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय राजनीति के इतिहास में सोमवार को पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यालय पर तिरंगा लहराया। मध्यप्रदेश के इंदौर में यह पुनीत कार्य कांग्रेस के नेताओं ने किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की अगुवाई में यहां तिरंगा फहराकर इतिहास रचा गया। खुद को सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त बताने वाले संघ के दफ्तरों पर अब तक भगवा ध्वज ही लहराता रहा है, लेकिन सोमवार को इंदौर स्थित संघ के दफ्तर में तिरंगा लेकर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्वयंसेवकों ने न केवल तिलक लगाकर स्वागत किया, बल्कि उन्हें सबसे ऊपरी मंजिल की छत पर जाकर तिरंगा लगाने का मौका दिया और सहयोग भी किया।
इन दिनों देश में राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रद्रोह को लेकर बहस छिड़ी हुई है। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए बिहार के कन्हैया कुमार ने देश में नई बहस को जन्म दिया है। इसी क्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिरंगा फहराने के लिए रामबाग स्थित संघ कार्यालय की ओर कूच किया।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आईएएनएस को बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जुलूस राजबाड़ा से शुरू हुआ, जिसे पुलिस ने बीच में रोक दिया। बाद में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के साथ संघ कार्यालय की ओर जाने की अनुमति दी गई।
यादव ने कहा, “संघ और भाजपा मिलकर कांग्रेस को बदनाम करने का कुचक्र चलाए हुए हैं। जिन लोगों ने (संघ व भाजपा) देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया, बल्कि अंग्रेजों का साथ दिया, वे आज हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास इस बात का गवाह है कि आजादी की लड़ाई में इसका क्या योगदान रहा है और आजादी के बाद देश की अखंडता के लिए कितना बलिदान दिया है।”
कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई कि अरुण यादव ने संघ कार्यालय पर तिरंगा फहराने का संकल्प लिया था, जिसे सोमवार को पूरा किया गया। यादव ने संघ के प्रचारक को सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा पंडित जवाहरलाल नेहरू को लिखे गए एक पत्र की प्रति भी सौंपी।