डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
सनातन धर्म के महान पर्व का शुभारंभ आगामी बर्ष में होने जा रहा है और इसमें आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये जहां प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर तैयारियां करने में लगी हुई हैं तो वहीं सामाजिक संगठनों द्वारा अपने-अपने स्तर पर सहभागिता एवं सहयोग के लिये तैयारियां की जा रही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं आगामी 22 अप्रेल से प्रारंभ होने जा रहे सिंहस्थ कुंभ जिसमें अमृत का लाभ उठाने के लिये देश ही नहीं विश्व भर के करोडों श्रृद्धालु एकत्रित होकर धर्म लाभ लेंगे। कुंभ जो कि धार्मिक,वैज्ञानिक एवं सामाजिक समरसता का सबसे बडा आधार बतलाया जाता है को लेकर गत एक बर्ष पूर्व से प्रारंभ तैयारियां अंतिम चरणों में देखी जा सकती हैं। सनातन धर्म के अनुसार तथा भारतीय संस्कृति की धरोहर उज्जैन को बतलाया गया है। स्कन्द पुराण के अनुसार इसको प्रतिकल्पा नाम से भी संबोधित किया गया है जो सृष्ट्रि के आरंभ से इसकी उत्पत्ति का प्रतीक बतलाया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं उनके अनुसांगिक संगठन तथा बडी संख्या में अन्य स्वयंसेवी ,सामाजिक संगठनों के द्वारा अपने-अपने स्तर पर तैयारियां आयोजन को सफल बनाने के लिये की जा रही हैं।
12 बर्ष वाद शुभ अवसर-
सनातन धर्म का यह महान पर्व 12 बर्ष में एक बार आता है जब करोडों श्रृद्धालु मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान हेतु एकत्रित होते हैं। धार्मिक मनातनुसार जब सूर्य मेष एवं बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं तो उज्जैन में कुंभ प्रारंभ होता है। चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर बैशाख पूर्णिमा के दिन अंतिम स्नान पर समाप्त होता है।
शाही स्नान-
उक्त महान धार्मिक पर्व में शाही स्नान का विशेष महत्व बतलाया गया है प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 अप्रेल 2016 को प्रथम शाही स्नान होगा। इसके पश्चात् क्रमश: 3,6,9,11,15,17,19,20 एवं 21 मई 2016 को शाही स्नान की तिथि बतलायी गयी है।
उज्जैयिनी और चौरासी शिव-
प्राचीन एवं धार्मिक रूप से पहचानी जानी वाली उज्जयिनी नगरी का महत्व जहां ज्ञान,विज्ञान,अध्यात्म,कला को लेकर पहचाना जाता है तो वहीं दूसरी ओर यहां पर 84 शिव लिंग की स्थापना महाकाल के साथ होने और इसका अलग-अलग महत्व बतलाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर क्रमश:अगस्तेश्वर,गुहेश्ववर,ढु ढेश्वर,डमरूकेश्वर,अनादिकलपेश् वर,स्वर्ण जालेश्वर,त्रिविष्टेश्वर,कपाले श्वर,स्वर्गद्वारेश्वर,कर्कोटके श्वर,सिद्धेश्वर,लोकपालेश्वर,का मेश्वर,कुटुम्बेश्वर,इन्द्रद्यु म्रेश्वर,ईशानेश्वर,अप्सरेश्वर, कलकलेश्वर,नागचके्रश्वर,प्रतिहा रेश्वर,कुक्टेश्वर,कर्कटेश्वर, मेघनादेश्वर,महालेश्वर,मुक्तेश् वर,सोमेश्वर,अनरकेश्वर,जटेश्वर, रामेश्वर,च्वनेश्वर,खण्डेश्वर, पत्नेश्वर,आनदेश्वर,कन्थदेश्वर, इंद्रेश्वर,मार्कण्डेश्वर,शिवे श्वर,कुसुमेश्वर,अकेश्वर,कुण्डे श्वर,लुम्पेश्वर,,गंगेश्वर,अंगा रेश्वर,उत्तरेश्वर,त्रिलोचनेश् वर,वीरेश्वर,नूपरेश्वर,अभयेश् वर,पृथुकेश्वर,स्थावरेश्वर,शूले श्वर,ओंकारेश्वर,विश्वेश्वर,कं टेश्वर,ङ्क्षसहश्वर,रेवन्तश्वर, घंटेश्वर,प्रयागेश्वर,सिद्धेश् वर,मातंगश्वेर,सौभाग्येश्वर,रू पकेश्वर,धनु:सहास्त्रेश्वर,पशु पतेश्वर,ब्रम्हेश्वर,जलपेश्वर, केदारेश्वर,पिशाच मुक्तेश्वर,संगमेश्वर,दुर्घरेश् वर,प्रयोगेश्वर,चन्द्रादित्येश् वर,करमैश्वर,राजस्लेश्वर,बडलेश् वर,अरूणेश्वर,पुष्पदंतेश्वर,अवि मुक्तेश्वर,हनुमंत्केश्वर,स्वप् रेश्वर,पिंगलेश्वर,कायावरोहलेश् वर,बिल्पेश्वर एवं दुर्दरेश्वर के मंदिर स्थापित हैं।
सिंहस्थ 6 जोन 22 सेक्ट्रर-
उक्त विशाल आयोजन को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं जिसको अंतिम रूप देने का सिलसिला जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ क्षेत्र को 6 जोन एवं 22 सेक्ट्रर में बांटा गया है जिसमें 16 सेक्ट्रर में मेला परिसर है। इस क्षेत्र में लगभग 15 लाख लोग स्थायी रूप से निवास करेंगे जिसमें 13 अखाडे भी होंगे। मेला परिसर में लगभग 1000 पेयजल की प्याऊ भी बनायी जा रही हैं। वहीं मोबाईल एप्स के साथ अनुरोध,समस्या निवारण हेतु 106 हेल्प सेंटर भी बनाये जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी इस दौरान लगायी जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 विभागों द्वारा सेवायें दी जायेंगी। वहीं एक बेबसाईट बनायी जा रही है जिस पर संपर्क सूत्र,मोबाईल नंम्बरों के साथ ही अन्य जानकारियां भी अपलोड की जा रही हैं।
पुरातत्व और सिंहस्थ-
सिंहस्थ मेले को लेकर करोडों लोगों के आने की बात को ध्यान में रखते हुये धार्मिक एवं एैतिहासिक मंदिरों को सजाने संवारने के लिये कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिये पुरातत्व विभाग द्वारा 2 करोड 55 लाख रूपयों को खर्च कर साफ-सफाई,सुरक्षा एवं सौन्द्रीयकरण की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इसमें विद्युतीकरण,सीसीटीव्ही केमरे,अग्रिशमन यंत्र,फायर अलार्म प्रमुख बतलाये जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार उक्त कार्य अकेले में 1 करोड 20 लाख 65 हजार रूपये खर्च किये जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार भृतहरि गुफा में 13 लाख 15 हजार,राम जर्नादन मंदिर में 22 लाख 17 हजार,विष्णु चतुष्टका में 30 लाख 3 हजार,काल भैरव मंदिर में 25 लाख 32 हजार,तिलकेश्वर मंदिर में 36 लाख 52 हजार की राशि खर्च करने की योजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है।
केश लेश होगा सिंहस्थ-
सिंहस्थ कुंभ को केश लेश बनाने की योजना पर विस्तृत रूप से कार्य प्रारंभ हो चुका है। 6 जोन एवं 22 सेक्टर में विभाजित कुंभ परिसर को बैंक सिंहस्थ डेबिट कार्ड जारी करने जा रहे हैं। इसमें राष्ट्रीयकृत एवं निजि बैंक मिलकर कार्य कर रहे हैं।
जियोफेंसिंग से कर्मचारियों पर नजर-
सिंहस्थ मेले की विशालता को देखते हुये सरकार किसी भी प्रकार की कोताही नहीं वरतना चाहती। कर्मचारी अपनी ड्यूटी सही ढंग से कर रहे हैं कि नहीं इसके लिये जियोफेंसिंग के माध्यम से निगरानी होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारी,कर्मचारी बिना अनुमति परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके लिये 70 बायो-मेट्रिक मशीने अटेंडेंस के लिये लगाई जा रही हैं जो कि थम्ब इम्प्रेशन से उपस्थिति दर्ज कराने का कार्य करेंगी जिसका डेटा मोबाईल एप्प पर नियमित प्राप्त होगा।
सिंहस्थ भीड प्रबंधन कंटो्रल रूम-
उक्त विशाल धार्मिक,सामाजिक आयोजन में आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये सिंहस्थ भीड प्रबंधन की योजना पर कार्य प्रारंभ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिये 29.42 करोड रूपये खर्च किये जायेंगे। इसके लिये राणोजी की छत्री पर अस्थाई कंट्रोल रूम बनने जा रहा है। ग्राम एवं नगर रक्षा समीति के लगभग 10 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जबकि पूर्व में 5 हजार को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
जल संसाधन की योजना, कार्य-
सिंहस्थ 2016 को देखते हुये मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग द्वारा 157 करोड रूपये के कार्य कराये जा रहे हैं। जिनमें से 15 प्रगति पर होने की जानकारी प्राप्त हुई है जिनमें घाट निर्माण,शुद्धीकरण,लालपुर रेेल्वे ब्रिज से भूखी माता घाट क्षेत्र की लम्बाई 540 से बढाकर 571 की जा रही है।