नजीब ने आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की 48वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “कुछ विशेषज्ञों का यहां तक अनुमान है कि हम आने वाले 15 वर्षो में ही यानी 2030 तक ही यूरोपीय संघ (ईयू), अमेरिका और चीन के बाद चौथा सबसे बड़ा बाजार बन सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान के पास भारत और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी श्रम शक्ति है और इसलिए आसियान एशिया में स्वयं को तीसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में देख सकता है।
कई प्रसिद्ध संस्थानों की रपटों और कुछ विशेषज्ञों की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए नजीब ने कहा कि आसियान के पास कई उम्दा अवसर हैं और इसने कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं। ऐसे में आसियान को वैश्विक परिदृश्य में अधिक आकर्षक भूमिका निभानी चाहिए।
नजीब ने कहा कि नवंबर में होने वाले 27वें आसियान शिखर सम्मेलन में आसियान समुदाय विजन 2025 अंगीकार किया जाएगा और आसियान के लिए एकल समुदाय की स्थापना दिसंबर के अंत तक की जाएगी।
उन्होंने कहा, “एक समुदाय होने का तात्पर्य विकास एजेंडे पर उचित जोर देना भी है। आसियान के सभी 10 सदस्य देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर व्याप्त अंतर को कम करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “जब हम एक एकीकृत आसियान के निर्माण की बात करते हैं तो यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी नीतियों में सभी को साथ लेकर चलने और निरंतरता का भाव हो।”