वाशिंगटन, 16 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के नेताओं के साथ सोमवार को शिखर वार्ता शुरू की। उन्होंने कहा कि वह आसियान के साथ अमेरिका का मजबूत और स्थाई रिश्ता चाहते हैं।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, कैलिफोर्निया के सनीलैंड्स स्थित रांचो मिराज में शिखर वार्ता के उद्घाटन सत्र में ओबामा ने क्षेत्र में एक मजबूत और स्थाई गठजोड़ के लिए अपनी निजी प्रतिबद्धता का इजहार किया।
अमेरिकी जमीन पर आसियान देशों और अमेरिका का यह पहला सम्मेलन है। इसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम हिस्सा ले रहे हैं।
अमेरिका आसियान में सर्वाधिक निवेश करने वाला देश है। वह आसियान का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
इसीलिए उद्घाटन सत्र में जोर आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर रहा। एजेंडे के मुख्य बिंदुओं में ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) समझौता भी शामिल है।
अमेरिका और ब्रुनेई, मलेशिया, सिंगापुर और वियतनाम टीपीपी का हिस्सा हैं। इंडोनेशिया समेत अन्य कई देशों ने समझौते में शामिल होने की इच्छा जताई है। ओबामा की विदेश नीति का प्रमुख पहलू माने जाने वाले इस समझौते पर अभी अमेरिकी कांग्रेस की मुहर लगनी बाकी है।
ओबामा ने कहा, “हम एक साथ मिलकर रोजगार एवं लोगों के लिए अन्य अवसर पैदा करने वाली व्यापारिक और आर्थिक भागीदारी को बढ़ा सकते हैं।”
शिखर वार्ता शुरू होने से ठीक पहले ह्यूमन राइट्स वाच जैसे मानवाधिकार संगठनों ने ओबामा से आग्रह किया कि वह कंबोडिया और थाईलैंड जैसे देशों में मानवाधिकार उल्लंघन पर खुलकर बात करें।
सम्मेलन में आतंकवाद, चीन के साथ विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र की स्थिति और उत्तर कोरिया द्वारा हाल में किए गए राकेट प्रक्षेपण पर भी बात होगी। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया का प्रक्षेपण अवैध रूप से अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र परीक्षण का हिस्सा हो सकता है।
म्यांमार को छोड़कर आसियान में शामिल सभी 10 देशों के शासनाध्यक्ष सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। म्यांमार के राष्ट्रपति यू थेन सेन मार्च में अपने पद से हटने वाले हैं। इसलिए म्यांमार की तरफ से उप राष्ट्रपति न्यान टुन सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।