नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किए गए कथावाचक आसाराम बापू ने मीडिया की ओर से उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कथावाचक का दावा है कि उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है जिससे उनके मुकदमे की सुनवाई करने वाली अदालत प्रभावित होगी।
चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम् की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिशीघ्र सुनवाई में पेश किए गए आसाराम के आग्रह पर उन्हें समुचित याचिका दायर करने को कहा और सुनवाई को 21 अक्तूबर के लिए निर्धारित कर दिया।
विवादों से घिरे आसाराम के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ के समक्ष कहा कि मीडिया की ओर से मेरे मुवक्किल के खिलाफ चलाए जा रहे ट्रायल पर रोक लगायी जानी चाहिए। अन्यथा अदालत में चलने वाला ट्रायल सही नहीं हो पाएगा।
अधिवक्ता ने कहा कि मीडिया मेरे मुवक्किल को अदालत की ओर से सुनवाई पूरी होने से पहले ही दोषी ठहरा रही है और ऐसे में ट्रायल के सही होने की उम्मीद मेरे मुवक्किल को नहीं है।
अदालत से गुजारिश है कि आसाराम के खिलाफ मीडिया में बदस्तूर जारी गलत खबरों पर रोक लगायी जाए। यह खबरें आसाराम और उनके परिवार के खिलाफ कथित आरोपों को लेकर चलायी जा रही हैं।
अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि आसाराम को इस पर कोई आपत्ति नहीं कि मीडिया कोर्ट की कार्यवाही को सही तरीके से रिपोर्ट करे। लेकिन काल्पनिक खबरों पर अदालत को हर हाल में रोक लगानी चाहिए। जिनमें उनके आश्रमों को वेश्यालय जैसा पेश किया जा रहा है।
अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किलों के इन आश्रमों में दस हजार लड़के और लड़कियां पढ़ते हैं और मीडिया की गलत रिपोर्ट से उन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
याद रहे कि 72 वर्षीय आसाराम को अगस्त में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह राजस्थान की जोधपुर स्थित जेल में हैं।