जोधपुर, 8 जनवरी (आईएएनएस)। यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को नाबलिग से दुष्कर्म के आरोपी स्वयंभू संत आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
जोधपुर, 8 जनवरी (आईएएनएस)। यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को नाबलिग से दुष्कर्म के आरोपी स्वयंभू संत आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
आसाराम सितंबर 2013 से ही जेल में बंद है। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में आसाराम की तरफ से सोमवार को जमानत याचिका दाखिल की थी। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को शुक्रवार तक सुरक्षित रख लिया था।
जमानत याचिका खारिज करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने शुक्रवार को मामले में तथ्य पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने कहा कि दिए गए तथ्यों और परिस्थितियों के मुताबिक आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। स्वामी उस वक्त अदालत में मौजूद नहीं थे।
अभियोजन पक्ष के वकील पी. सी. सोलंकी ने आईएएनएस को बताया, “हमें इस बात की खुशी है कि हम अदालत को संतुष्ट कर पाए कि सुनवाई के इस मोड़ पर आरोपी को जमानत देने से मामला बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।”
आसाराम की जमानत याचिका सत्र न्यायालय, राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में पहले भी खारिज हो चुकी है।
एक 16 साल की किशोरी ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि आसाराम ने अपने जोधपुर के नजदीक के आश्रम में उसके साथ यौन दुव्यर्वहार किया था। उस आरोप में कहा गया था कि आसाराम के सेवकों ने उस पर ‘बुरी साया’ की बात कह कर जोधपुर आश्रम भेजा था और कहा था कि आसाराम झाड़-फूंक कर उसे स्वस्थ कर देंगे।
इसके बाद पुलिस ने आसाराम को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार कर 1 सितंबर 2013 को अदालत में पेश किया। उसे 2 सितंबर 2013 से जोधपुर के केंद्रीय जेल में रखा गया है।