रायपुर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में ‘पताल’ के नाम से जाना जाने वाला टमाटर इन दिनों अपने गिरे हुए भाव के कारण चर्चा में है। महज दो माह पहले ही 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिकने वाला टमाटर रविवार को राजधानी रायपुर में दो रुपये किलो की दर पर बिका।
रायपुर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में ‘पताल’ के नाम से जाना जाने वाला टमाटर इन दिनों अपने गिरे हुए भाव के कारण चर्चा में है। महज दो माह पहले ही 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिकने वाला टमाटर रविवार को राजधानी रायपुर में दो रुपये किलो की दर पर बिका।
सब्जी बाजार ‘पांच रुपये में दस किलो टमाटर’ की बोलियों से गूंजता रहा, जबकि थोक बाजार में टमाटर की स्थिति और भी खराब है। 25 किलो का कैरेट 30 रुपये में बिक रहा था। सूबे के दीगर जिलों में तो टमाटर का भाव दो रुपये प्रति किलोग्राम से भी नीचे आ जाने की खबर है।
राजधानी ही नहीं, प्रदेश के और भी शहरों के भोजनालयों में गायब हो चुकी सलाद की थाली अब फिर से सजने लगी है। बाजार से टमाटर सॉस की बोतलें खरीदने वाले शौकीन पूरा टमाटर का कैरेट ही खरीदकर ले जा रहे हैं और घरों में ही टमाटर सॉस बनवा रहे हैं।
थोक व्यापारियों का कहना है कि लोकल आवक बढ़ जाने से हर साल यह हाल हो जाता है।
रायपुर सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजू पटेल ने बताया कि कवर्धा, बेमेतरा, धमधा क्षेत्र में टमाटर की बंपर फसल के कारण बड़ी मात्रा में यहां का टमाटर रायपुर की मंडी में आ रहा है।
उन्होंने बताया कि भाटापारा क्षेत्र के आसपास के किसान भी भारी मात्रा में टमाटर उपजाते हैं और यही समय है, जब उनकी फसल भी बाजार में आती है। मांग की अपेक्षा उत्पादन बढ़ जाना भाव में गिरावट का प्रमुख कारण है। टमाटर के भाव का यही हाल होली तक बने रहने की संभावना है।