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 आरबीआई की नीतिगत समीक्षा मंगलवार को | dharmpath.com

Saturday , 12 April 2025

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आरबीआई की नीतिगत समीक्षा मंगलवार को

मुंबई, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार सात अप्रैल को वित्त वर्ष 2015-16 की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने वाला है, जिसमें व्यापक तौर पर उम्मीद की जा रही है कि रेपो दर को जस का तस छोड़ दिया जाएगा।

रेपो दर वह दर है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के लिए कर्ज देता है।

जियोजित बीएनपी पारिबास फाइनेंशियल सर्विसिस के फंडामेंटल रिसर्च के प्रमुख विनोद नायर ने आईएएनएस से कहा, “इस बार दर कटौती की उम्मीद नहीं। अगले एक-दो महीने में भी नहीं।”

उन्होंने कहा, “उपभोक्ता महंगाई बढ़ने के कारण इस बार यह कठिन है। आरबीआई पिछली तिमाही में सरकारी बैंकों के तनावग्रस्त कर्ज के सरलीकरण पर भी गौर करेगा।”

नायर ने कहा कि आरबीआई अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा जून में संभावित ब्याज दर वृद्धि के प्रभाव पर भी गौर करेगा, हालांकि जून में दर बढ़ने की संभावना कम दिख रही है।

इस बीच फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने कहा है कि रिजर्व बैंक की अगली समीक्षा में दर में की जाने वाली कटौती विनिर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए काफी नहीं होगी, क्योंकि मांग की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

फिक्की के ताजा तिमाही सर्वेक्षण के मुताबिक, 69 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में की जाने वाली कटौती से उन्हें अपने संगठन द्वारा निवेश में वृद्धि किए जाने की उम्मीद नहीं है।

रिजर्व बैंक ने जनवरी-मार्च तिमाही में नियत समय से हटते हुए दो बार रेपो दर में कटौती की है, जिसके बाद यह अभी 7.5 फीसदी है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में पेश आम बजट में आरबीआई अधिनियम में कुछ बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है।

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने जनवरी में दर कटौती करते हुए कहा था, “आगे की कटौती महंगाई कम होने की पुष्टि करने वाले आंकड़े और वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रमों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगी।”

उपभोक्ता महंगाई दर फरवरी में 5.37 फीसदी रही, जो एक महीने पहले 5.19 फीसदी थी।

वित्त मंत्री ने हालांकि वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रम को थोड़ा विलंबित करते हुए कहा कि समय सारणी से टिके रहने से विकास की संभावना पर बुरा असर पड़ सकता है।

बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा था कि सरकार महंगाई कम करने के लिए आरबीआई के साथ मौद्रिक नीति ढांचा समझौता पर हस्ताक्षर करेगी।

इस बदलाव के बाद मौद्रिक नीति समिति इस बारे में अकेले गवर्नर के फैसला लेने के अधिकार को कुछ कम करेगी।

सरकार ने कानून बदलकर पूंजी बाजार नियमन की शक्ति आरबीआई से लेकर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा है।

आरबीआई की नीतिगत समीक्षा मंगलवार को Reviewed by on . मुंबई, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार सात अप्रैल को वित्त वर्ष 2015-16 की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने वाला है, जिसमें व्या मुंबई, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार सात अप्रैल को वित्त वर्ष 2015-16 की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने वाला है, जिसमें व्या Rating:
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