चेन्नई, 4 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को मुख्य नीतिगत दरों में की गई कटौती काफी नहीं है और इससे उपभोक्ताओं के बीच ऋण की मांग नहीं बढ़ने वाली है। यह बात कार निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
जनरल मोटर्स के उपाध्यक्ष पी बालेंद्रन ने एक बयान में कहा, “मामूली दर कटौती उपभोक्ताओं के बीच ऋण की मांग बढ़ने और निकट भविष्य में बाजार में मजबूती आने के लिए काफी नहीं है।”
उन्होंने कहा, “इस साल के शुरू में भी 25 आधार अंक की कटौती से आर्थिक गतिविधि में कोई तेजी नहीं आई, क्योंकि वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दर में कमी नहीं आई।”
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 100 आधार अंकों की कटौती की जानी चाहिए।
उन्होंने हालांकि दर कटौती को सकारात्मक कदम बताया और उम्मीद जताई कि यह कटौती कई चरणों में आगे भी होगी।
अप्रत्याशित रूप से भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंक की कटौती कर दी।
इस कटौती के बाद रेपो दर 7.75 फीसदी से घटकर 7.50 फीसदी और रिजर्व रेपो दर 6.75 फीसदी से घटकर 6.50 फीसदी रह गई।
रेपो दर वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक छोटी अवधि के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। रिवर्स रेपो दर वह ब्याज दर होती है जो वाणिज्यिक बैंक को छोटी अवधि के लिए अतिरिक्त राशि रिजर्व बैंक में रखने पर रिजर्व बैंक से मिलती है।