पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा कि निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगाम लगाए।
उन्होंने कहा कि आज जो पश्चिम बंगाल में हो रहा है, ठीक उसी तरह बिहार में भी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के राज में मतदानकेंद्र लूट, चुनावी हिंसा, गरीब, कमजोर वर्ग के मतदाताओं को मतदान से रोकने आदि के कारण आयोग को पूरे के पूरे संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों का चुनाव रद्द कर पुनर्मतदान कराना पड़ता था।
सुशील मोदी ने कहा कि उस समय तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी़ एऩ शेषन की सख्ती से राजद के मतदान केंद्र लुटेरों व गुंडों पर लगाम लगा था। आज पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की गुंडागर्दी के खिलाफ आयोग को वैसी ही सख्ती बरतने की जरूरत है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मतदान केंद्र लूट और चुनावी हिंसा के डेढ़ दशकीय दौर में बिहार में जहां 641 लोग मारे गए थे, वहीं छपरा, पूर्णिया और दो-दो बार पटना संसदीय क्षेत्र तथा दानापुर विधान सभा क्षेत्र के संपूर्ण मतदान को रद्द कराना पड़ा था। धांधली और मतदान केंद्र लूट की शिकायतों के बाद वर्ष 1990 के बिहार विधानसभा चुनाव में 1,239, वर्ष 1995 में 1,668 और वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में 1,420 मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग को पुनर्मतदान का निर्णय लेना पड़ा था।”
भाजपा नेता ने आगे कहा, “टीएमसी और ममता बनर्जी की तरह तब बिहार में भी राजद-कांग्रेस के लोग चुनावी हिंसा, धांधली, मतदान केंद्र लूट को नजरअंदाज कर आयोग के पुनर्मतदान के निर्णयों के विरोध में खड़े रहते थे। आयोग की कड़ी कार्रवाई से न केवल राजद के मतदान केंद्र लुटेरों पर नकेल कसा, बल्कि हिंसा का दौर भी थमा।”
आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल के हालात के मद्देनजर एक दिन पहले चुनाव प्रचार रोकेजाने को सही बताते हुए मोदी ने कहा, “यह अप्रत्याशित नहीं है। आयोग की कार्रवाई का यह पहला कदम हो सकता है, मगर उसकी सख्ती और आम मतदाताओं की जागरूकता का बिहार की तरह बंगाल में भी असर होगा।”