नई दिल्ली, 10 फरवरी-सरकार ने सोमवार को लोकसभा में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान विधेयक-2020 को पेश कर दिया। विधेयक का मकसद जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में आयुर्वेद संस्थानों के एक क्लस्टर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देना है। जिन तीन संस्थानों को संयोजित किया जाएगा, वे आयुर्वेद में उच्चतर शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गुलाब कुनवर्ब आयुर्वेद महाविद्यालय और आयुर्वेद औषधि विज्ञान संस्थान हैं।
विधेयक पेश किए जाने पर विरोध दर्ज कराते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि क्यों संस्थान को गुजरात में स्थापित किया जा रहा है। इसे केरल, दिल्ली, वाराणसी या पश्चिम बंगाल में स्थापित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी विधेयक का विरोध किया और कहा कि यह वृहत परिप्रेक्ष्य में मानदंडों को परिभाषित करने में विफल रहा है।
थरूर ने कहा कि सरकार ने तीनों संस्थानों के चयन के मामले में मनमाना रवैया अपनाया है।
विधेयक को पेश करते हुए आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि वह इस संबंध में कानून का मसौदा तैयार करने के समय सदन के सदस्यों की सलाह पर विचार करेंगे।