चुनाव जोरों पर है अपने अंतिम चरण की तरफ खिसकता हुआ ,हम आरोपों प्रत्यारोपों से थक चुके हैं यह चुनाव विकास के स्थान पर धर्म,जाति ,वर्ग से जोड़ दिया गया है ,राष्ट्र की वे ही नहीं बात कर रहे जो राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे हैं जी हाँ दावा कर रहे हैं आप उनकी हाँ में हाँ न मिलाओ तो उनके विचार ,कथन ,झूठ के विरोधी नहीं वे आप को राष्ट्रद्रोही शब्द से चेंप देते हैं कितना आसान हो गया है किसी नागरिक को राष्ट्रद्रोही कहना जो अपने राष्ट्र के लिए जान न्योछावर करने को तैयार रहता है ….. लेकिन नहीं आप राष्ट्रद्रोही कह दिए जाते हैं और प्रमाणपत्र देने वाले स्वयं को चौकीदार बताते हैं उनमें से सब की कारगुजारियां सबको पता रहती हैं खैर हम इन सब से आजिज आ चुके हैं यह सब 23 मई को ख़त्म हो जाएगा एक नयी चर्चा शुरू होगी अब देखना है इसी बोझ के साथ या नयी विकास की किरण भारत को विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर करेगी।
खैर हम बात करें आम चूसने की,खाने की,आम फलों का राजा है अतः बड़े सम्मान के साथ उसका उपभोग आपको भी आनंदित कर देगा,आम सबसे अधिक आनंदित करता है चूस कर खाने में ,एक एक रस की बूँद उसकी गले के नीचे जिह्वा से स्वाद की अनुभूति करते हुए उतार ली जाय उसके बाद छिलके हटा कर उसे चाट-चाट कर आनंद लिया जाय ,आम खाया भी जाता है चाकू से काट कर ,या छिलका हटा सीधे दांतों द्वारा आनंदित हुआ जाता है.
असली मजा तो ग्रामीण क्षेत्रों में आम खाने का आता है बाल्टी में पानी भर आम भिगो दिए जाते हैं किस्म-किस्म के देशी आम जो मेहनत कर बीने हुए होते हैं सुबह की रात की आँधियों के बीच बाग़ में बीने हुए आम ,टप्प की आवाज आयी और अंदाज लगा उस दिशा में दौड़ पड़े न किसी किस्म का भय न चिंता आशिकी बस एक अदद आम की किस्में भी भिन्न-भिन्न मिठऊआ,चिनिहवा,रेशहवा,मलदहवा, ……. जैसे कई गंवई नाम जिसे जो सूझ पड़ा नाम रख दिया लेकिन ये देशी बीज अब ख़त्म होने की कगार पर हैं लेकिन पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं इनपर चिडिओं का बसेरा होता है ,लकड़ी ,छाँव,हवा और आम मिलते हैं ये पर्यावरणीय चक्र में बहुत महत्वपूर्ण है आम खाने के साथ हमने इसकी चिंता भी करनी होगी।
इसमें फाइबर, पोटेशियम, मैग्निशियम, विटामिन बी-6, विटामिन ए और विटामिन सी आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें कोलेस्ट्रोल और सोडियम की मात्रा भी कम होती है जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आम खाने से किन-किन रोगों से बचा जा सकता है।
1. हाई ब्लड प्रेशर
आम हाई ब्लड प्रेशर रोगी के लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि इसमें पोटेशियम और मैग्निशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो उच्च रक्तचाप के नॉर्मल करने में मदद करता है।
2. वजन बढ़ाए
दुबले-पतले लोगों के लिए आम का सेवन काफी अच्छा है। आम में कैलोरी और स्टार्च काफी मात्रा में होती है जो वजन बढ़ाता है।
3. पाचन शक्ति करें मजबूत
आम खाने से शरीर में पेट की समस्याएं अपच और एसीडीटी खत्म होती है और यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
4. एनिमिया
आम में आयरन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर में खून की कमी बहुत जल्दी पूरी हो जाती है और एनीमिया जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
5. दिमाग करें तेज
मस्तिष्क को स्वस्थ और तेज करने के लिए आम का फल बहुत कारगार उपाय है क्योंकि इसमें विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में होता है।
6. डायबिटीज
आम का फल मीठा होने के कारण कुछ लोगों का मानना है कि डायबिटीज के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए लेकिन ऐसा मानना बिल्कुल गलत है। आम का फल ही नहीं इसके पत्ते भी डायबिटीज रोगी के लिए फायदेमंद होते हैं।
7. आंखों के रोग करें दूर
रतौंधी व आंखों में ड्राइनेस से राहत पाने के लिए रोजाना मैंगों जूस पीएं। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
8. लू से बचाए
गर्मियों में कच्चे आम के जूस में पानी मिला कर पीने में शरीर को ठंडक मिलती है और यह शरीर को गर्म लू से भी बचाता है।
आम और ख़ास … हम तो भैया हमेशा आम की श्रेणी में जिंदगी जीते रहे लेकिन ख़ास लोगों को आम बहुत पसंद हैं उनका जीवन ही आम लोगों की वजह से ख़ास है ,बादशाह अकबर के आम खाने के किस्से मशहूर हैं लेकिन आम जनता जो मजे ले आम खाती है वह किसी की नजर नहीं चढ़ता ,आम बच्चे बागों में पिट के कुट के दौड़ भाग कर चोट लगवा ,कपडे फटवा हिस्सा-बाटी कर आम खाते ही हैं.हमारे यहाँ चुनाव चल रहा है लेकिन प्रधानमन्त्री मुद्दों की बात न कर आम खाने की बात कर रहे ,उन्हें खेत में मुफ्त के आम मिलते थे,चूस कर क्या पता खाये की नहीं लेकिन जनता को तो चूस लिए,बूँद-बूँद रस निकाल ठठरियों को राष्ट्रभक्ति के हवन कुंड में स्वाहा होने के लिए प्रेरणा भी दे रहे आखिर हम हैं तो आम ही ,चूसिये ,खाइये और लतियाइये भी.चौसा,दशहरी,सफेदा,हापुस,आम्रपाली आदि ख़ास आम हैं और खाये जाने वाले आम ख़ास लोगों की पसंद हैं लेकिन देशी आम गरीबों के आम है चूसे जाने वाले आम और चूसने वाले को ख़ास जैसे चूस जाता है वही सोच आम आदमी उस आम को चूस आनंद लेता है.
अनिल कुमार सिंह