नई दिल्ली। रेलवे ने यात्रियों की दिक्कतों को दूर करने के लिए कुछ नियम बनाए हैं, लेकिन आमतौर पर होता यह है कि जानकारी नहीं होने के कारण यात्री सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते हैं। जिसमें एक सुविधा यह है कि कन्फर्म रेल टिकट लेने वाला कोई व्यक्ति यदि किसी कारणवश यात्रा नहीं करता है तो उसके खून से संबंध रखने वाला कोई वयस्क व्यक्ति संशोधित टिकट आवंटित करवा सकता है। इसी तरह निश्चित समय-सीमा के अंदर आवेदन करने पर बाराती, छात्र व सरकारी कर्मचारियों को भी संशोधित टिकट देने की व्यवस्था की गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, किसी रेलग़ाडी का कन्फर्म टिकट लेने वाला व्यक्ति किसी कारणवश स्वयं यात्रा पर नहीं जाता है तो उस टिकट पर उसके माता-पिता, भाई-बहन, बेटा-बेटी, पत्नी (पत्नी के नाम से टिकट हो तो पति) यात्रा कर सकते हैं। उन्हें बर्थ एलॉट कर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए जरूरी यह है कि परिजन का नाम राशनकार्ड में या अन्य किसी दस्तावेज में होना चाहिए। यह सुविधा लेने के लिए रेलग़ाडी के प्रस्थान के 24 घंटे पहले मुख्य आरक्षण निरीक्षक (सीआरएस) को आवेदन पत्र देना होगा।
इसी प्रकार यदि कोई सरकारी कर्मचारी कन्फर्म टिकट लेने के बाद सफर नहीं कर पाए, तो उसके बदले में उसी टिकट पर दूसरा कर्मचारी यात्रा कर सकता है, बशर्ते रेलग़ाडी छूटने के 24 घंटे पहले सीआरएस को आवेदन दे दिया जाए। रेलवे ने छात्रों और बारातियों को भी यह सहूलियत दी है। किसी मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थान का छात्र या किसी बाराती दल का सदस्य टिकट लेने के बाद यात्रा नहीं कर पाए तो उसके स्थान पर उसी संस्था या बाराती दल के दूसरे सदस्य को संशोधित टिकट दिया जा सकता है।
यह सुविधा लेने के लिए 48 घंटे पूर्व संस्था प्रमुख या समारोह के मुखिया की ओर से आवेदन करना होगा। सूत्रों ने बताया कि छात्र और बारातियों में से मात्र 10 प्रतिशत सदस्यों को ही यह सुविधा दी जा सकेगी।