हरिद्वार, 22 अगस्त (आईएएनएस)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे पांच दिवसीय युवा चेतना प्रशिक्षक-प्रशिक्षण शिविर का शनिवार को समापन हो गया। प्रतिभागी युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि युवा शक्ति जिस किसी भी दिशा में सकारात्मक सोच के साथ जुट जाए, उसमें वह शिखर तक पहुंच ही जाता है। वायु की दिशा मोड़ने में युवा सक्षम है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्य हो या आत्मिक उन्नति युवावस्था ही श्रेष्ठ अवसर होता है। युवावस्था की उठती उम्र अपने साथ शोभा, सौन्दर्य, आशा, उमंग, जोश, उत्साह ही लेकर नहीं आती, वरन मनुष्य के भाग्य और भविष्य का निर्माण भी इन्हीं दिनों होता है। गीली मिट्टी से ही बर्तन, खिलौने आदि बनते हैं। किशोरावस्था और नवयौवन के दिन ही ऐसे हैं, जिनमें व्यक्तित्व उभरता, ढलता है।
संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने भी युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए सफलता के विविध सूत्रों की विस्तार से जानकारी दी।
युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी केदार प्रसाद दुबे ने युवा चेतना जागरण का महžव एवं आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवा जागरण बनाम राष्ट्र जागरण है अर्थात यदि हम राष्ट्र को समुन्नत व प्रगति पथ अग्रसर करना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय यौवन को गढ़ना होगा।
शिविर संयोजक के अनुसार इस शिविर में मप्र के बालाघाट, सिवनी, छिन्दवाडा व बैतूल जिले के 123 युवक-युवतियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के उपरांत इन जिलों में युवा जागरण शिविर-एक दिवसीय 137, तीन दिवसीय 20, पांच दिवसीय 5 स्थानों में कराये जाने का निर्णय हुआ।