इस्लामाबाद, 1 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान को अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एफ-16 सौदे के लिए धन मुहैया कराए जाने पर रोक लगाए जाने के बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक गतिविधियों के लिए इन विमानों की जरूरत है।
विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने शनिवार को कहा, “हमारा मानना है कि पाकिस्तान के आतंकवाद से मुकाबले और उन्हें सफलतापूर्वक परास्त करने के प्रयासों को समर्थन देने और उसका हिस्सा बनने के लिए यह सही मंच है। पाकिस्तान में सक्रिय कुछ आतंकी संगठनों के खिलाफ पहले के अभियानों में ऐसा किया जा चुका है।”
विदेश विभाग की यह बात कुछ अमेरिकी सांसदों के इस दावे को खारिज करती है कि पाकिस्तान इन विमानों का उपयोग आतंकियों के खिलाफ नहीं, भारत के खिलाफ करेगा।
विदेश विभाग के एक अन्य अधिकारी ने शुक्रवार को ‘डॉन ऑनलाइन’ को बताया कि अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने पाकिस्तान के आठ एफ-16 विमान खरीदने की योजना के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण (एफएमएफ) सुविधा देने से तब तक मना कर दिया है जब तक पाकिस्तान ‘कुछ खास कार्रवाई’ नहीं करता।
बगैर अमेरिकी सहायता के पाकिस्तान को इन विमानों के लिए करीब 70 करोड़ डॉलर देने होंगे। यह इसकी छूट वाली कीमत 27 करोड़ डॉलर से ढाई गुना अधिक है।
प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के विशेष सहायक तारिक फातमी ने यह भी कहा कि संसद को इस सौदे के लिए तैयार करना ओबामा प्रशासन का काम है।
फातमी ने कहा कि अमेरिकी संसद में दूसरे देशों को कीमत में छूट देकर हथियार देने का कड़ा विरोध हुआ है, लेकिन ओबामा का पाकिस्तान को सैन्य सहायता मुहैया कराने का प्रस्ताव अभी यथावत है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ पहले ही बहुत कुछ कर चुका है, इसलिए यह मामला मजबूत है।
फातमी ने कहा कि अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास भी इस मुद्दे पर अमेरिका के प्रमुख सांसदों के संपर्क में है। वह उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान को इन विमानों के लिए एफएमएफ मिलेगा।