भोपाल, 8 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय इस्पात और खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कालेधन के खिलाफ मुहिम शुरू की थी, जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी पहुंचे तोमर ने मोदी सरकार और अपने मंत्रालय की 365 दिनों की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए अपनी पार्टी के ‘भीष्म पितामह’ का जिक्र किया।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख रहे तोमर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र की सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने कालाधन वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए थे और कैबिनेट की पहली ही बैठक में विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने का फैसला ले लिया था। कालेधन पर एक विधेयक भी लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुका है।
उन्होंने कहा, “आडवाणी जी ने कालेधन की बात (मुहिम) शुरू की थी, जिसे हमारी सरकार ने आगे बढ़ाया है।”
केंद्रीय मंत्री ने अपने हमनाम प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार के सत्ता संभालते ही देश से निराशा का बादल छंट गया और सर्वत्र आशा की किरण बिखर गई। निर्णय लेने में तेजी आने लगी, जिससे सरकार के प्रति विश्वसनीयता बढ़ी।
‘अच्छे दिन’ आने का अहसास दिलाते हुए उन्होंने कहा कि एक साल में और आज देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, भ्रष्टाचार खत्म हुआ है और राज्यों के विवेकाधिकार को समाप्त किया गया है, केंद्र-राज्य संबंध बेहतर हुए हैं। विकास दर जो पांच प्रतिशत थी, बढ़कर 7़ 4 प्रतिशत हो गई है। महंगाई दर 10 प्रतिशत से घटकर लगभग पांच प्रतिशत पर आ गई है।
तोमर ने मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को देश में बदलाव लाने वाला काल बताया और कहा इस दौरान विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। किसान, मजदूर सहित सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रखकर योजनाओं को अमली जामा पहनाया है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती केंद्र सरकार के शासनकाल में हुए कोयला घोटाले और स्पेक्ट्रम घोटाले की चर्चा करते हुए तोमर ने कहा कि कोयला में सीएजी ने एक करोड़ 76 लाख करोड़ के घोटाले का अनुमान लगाया था, मगर इससे ज्यादा राशि तो 20 खदानों की नीलामी से ही आ गई है। यही हाल स्पेक्ट्रम का रहा।
उन्होंने आगे कहा कि गड़बड़ियों को रोकने के लिए कोयला खदानों की ई-नीलामी की जा रही है। केंद्र सरकार का मानना है कि देश की प्रगति के लिए राज्यों की प्रगति जरूरी है, इसीलिए राजस्व में राज्यों का हिस्सा बढ़ाया गया है। इतना ही नहीं, 14वें वित्त आयोग की सिफारिश पर राज्यों को मिलने वाले हिस्से को 32 से 42 प्रतिशत किया गया है।
तोमर ने इस्पात के क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि सेल के उत्पादन में इजाफा किए जाने के साथ इस्पात के क्षेत्र में शोध कार्य पर भी ध्यान दिया जा रहा है।