भोपाल– फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आज प्रदोष व्रत है। इस दिन सोमवार होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। फाल्गुन माह के पहले सोम प्रदोष के दिन देवों के देव महादेव का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है। इस दिन शिवजी का पूजन करने से समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक रुद्राभिषेक और श्रृंगार का विशेष महत्व है।
मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शादी-विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन संतान प्राप्ति के लिए पंचगव्य से और लक्ष्मी प्राप्ति व करियर में सफलता के लिए शिव जी का दूध से अभिषेक कर फूलों की माला अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि : प्रदोष व्रत पूजा शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। प्रदोष बेला में फिर से भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक कर शिवलिंग पर बेल पत्र, कनेर, धतूरा, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा का समापन शिवजी की आरती के साथ करें।