नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। देशभर में बिजली से लगने वाली आग की घटनाओं को काबू करने के लिए गुणवत्तापूर्ण विद्युत बुनियादी ढांचों की आवश्यकता है। यह बात शुक्रवार को यहां आयोजित एक सेमिनार में पहुंचे विशेषज्ञों ने कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान विद्युत बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और दक्षता में सुधार की आवश्यकता है।
सेमिनार का आयोजन इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इंडिया (आईसीए इंडिया) और फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) द्वारा किया गया था, जिसमें ‘इलेक्ट्रिकल फायर सेफ्टी’ के मसले पर विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, “आग लगने की बढ़ती दुर्घटनाओं में दोषपूर्ण इलेक्ट्रिकल प्रणाली का भी हाथ है। देश भर में विद्युत शक्ति की बढ़ती मांग के साथ, वर्तमान विद्युत बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और दक्षता में सुधार की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है। फायरसेफ इंडिया 2019 की सामूहिक दृष्टि को साकार करने के प्रयास के रूप में, आईसीए इंडिया और एफएसएआई ने आपसी सहयोग करते हुए भारत में बिजली के बुनियादी ढांचे की विश्वसनीयता और दक्षता पर चर्चा करने के लिए कदम उठाया था।”
आईसीए इंडिया के प्रबंध निदेशक संजीव रंजन ने कहा, “हम आईसीए इंडिया में हमेशा विद्युत सुरक्षा के बेहतर मानकों के प्रवर्तक रहे हैं। आग से होने वाले हादसे बढ़ने के मद्देनजर हमने मौजूदा नियमों और कोडों में कमियों को दूर करने के लिए इसे बहुत जरूरी माना है। एक मजबूत बुनियादी ढांचा, एक स्थायी अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण आवश्यकता है और इसलिए हमने अन्य हितधारकों के साथ मिल कर फायरसेफ इंडिया पहल का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हमें उम्मीद है कि इस सेमिनार का परिणाम बेहतर होगा और कुछ महत्वपूर्ण समाधान निकल कर आएंगे।”
फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. पी. डोमिनिक ने कहा, “फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) भारत भर में अपने 23 चैप्टर के माध्यम से भारत को सुरक्षित और संरक्षित बनाने वाले अपने मिशन ‘सुरक्षित भारत’ के साथ अथक प्रयास कर रही है। हम हर स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गो तक पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”