आगरा, 21 सितंबर – आगरा विश्वविद्यालय से अनुसंधान कर डॉक्टर बने 55 लोगों की उपाधि निरस्त करते हुए अपने नाम से पहले डॉ. लिखने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। संस्थान ने विशेषज्ञों से जांच कराने पर पाया कि अध्येताओं द्वारा सौंपा गया अनुसंधान कार्य मौलिक रूप से उनका नहीं था। ये अध्येता तीन वर्षो से अपने नाम के पहले ‘डॉक्टर’ लिख रहे थे।
उपाधि निरस्त करने का यह फैसला विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने लिया है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि 36 पीएच.डी, 17 डि.लिट् और दो डी.एससी के शोधपत्रों को पुनर्मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा गया था।
विशेषज्ञों के पैनल ने उन्हें खारिज कर दिया कहा है कि ये दोष से भरे हैं और ‘घटिया’ हैं।
निरस्त की गई उपाधि की सूचना विवि की वेबसाइट पर चस्पां कर दी गई है।