नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने शुक्रवार को क्रिकेट से सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। चोपड़ा ने कहा कि वह अपने करियर से खुश हैं।
मूल रूप से दिल्ली के निवासी चोपड़ा ने दो साल पहले हिमाचल प्रदेश की ओर से पंजाब के खिलाफ अपना अंतिम प्रथम श्रेणी मैच खेला था। वह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लिए भी खेल चुके हैं। उनके टीम में रहते राजस्थान ने प्लेट डिवीजन टीम होते हुए भी रणजी ट्रॉफी खिताब जीता था।
चोपड़ा ने 2003 से 2004 के बीच भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले। वह वीरेंद्र सहवाग के साथ पारी की शुरूआत करते थे। 2004-05 सीरीज में अपने घर में भारत को आस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद चोपड़ा को टेस्ट टीम से हटा दिया गया था। उन्होंने 23 के औसत से दो अर्धशतकों की मदद से कुल 437 रन बनाए। उनके दोनों अर्धशतक न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहाली में लगे हैं।
इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाए और भारत की ए टीम के लिए अपना रास्ता साफ किया लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें सीनियर टीम के काबिल नहीं समझ। चोपड़ा ने बाद में ए टीम में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
37 साल के चोपड़ा खुद को एक माहिर कमेंटेटर के तौर पर स्थापित कर चुके हैं। वह ईएसपीएन नेटवर्क के लिए कमेंट्री करते हैं और आने वाले दिनों में खुद की अकादमी खोलने पर विचार कर रहे हैं।
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने एक बधाई संदेश भेजते हुए चोपड़ा के सुनहरे भविष्य की कामना की है।
घरेलू क्रिकेट में चोपड़ा ने 10 हजार से अधिक रन बनाए हैं। उनके नाम 29 शतक हैं और उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत योग 301 रन रहा है। टेस्ट और प्रथम श्रेणी के अलावा चोपड़ा आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइर्ड्स के लिए खेले।