नई दिल्ली, 8 दिसम्बर (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी दो संस्करणों के लिए दो नई फ्रेंचाइजी टीमें-राजकोट और पुणे से मिली हैं। इन दो नई फ्रेंचाइजी टीमों ने लीग के 2016 और 2017 संस्करणों का हिस्सा होने का हक हासिल किया।
पुणे और राजकोट फ्रेंचाइजी टीमें आईपीएल के अगले दो संस्करणों में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स का स्थान लेंगी, जिन्हें आईपीएल-2013 से जुड़े सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
पुणे फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक कोलकाता के व्यवसायी संजीव गोयनका की कंपनी न्यू राइजिंग के पास होगा। इसी तरह इंटेक्स मोबाइल्स ने राजकोट फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक हासिल किया है।
गोयनका को अगले दो वर्ष तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को 10 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से अदा करना होगा, जबकि इंटेक्स मोबाइल्स अगले दो वर्ष में बीसीसीआई को कुल 16 करोड़ रुपये अदा करेगी।
बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के अनुसार, बीसीसीआई को इससे 360 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होगा।
मनोहर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारे आकलन के मुताबिक बीसीसीआई को पहले वर्ष में फ्रेंचाइजियों को मुख्य राजस्व में से 70 करोड़ रुपये के करीब अदा करना पड़ा और अगले वर्ष यह राशि 75 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस तरह एक टीम के लिए यह राशि 145 करोड़ रुपये हुई। अब यह 145 करोड़ रुपये की राशि पूरी तरह बच जाएगी, क्योंकि इन दो नई टीमों ने केंद्रीय राजस्व स्वीकार नहीं किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा वे हमें 25 करोड़ रुपये अलग से अदा करने वाले हैं। इस तरह अगले दो वर्षो में कुल 50 करोड़ रुपयों का अधिक लाभ होने वाला है। यह एकदम सीधा-सीधा हिसाब है।”
आईपीएल की गवर्निग काउंसिल की मंगलवार को हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, आईपीएल का नौवां संस्करण अगले वर्ष नौ अप्रैल से शुरू होगा और 29 मई तक चलेगा।
बीसीसीआई ने दोनों नई फ्रेंचाइजियों के लिए 40 करोड़ रुपये की आधार कीमत रखी थी।
आईपीएल के अगले दो संस्करणों में शामिल करने के लिए दो फ्रेंचाइजियों के लिए उल्टी दिशा में बोली लगाई। अर्थात सबसे कम कीमत की बोली लगाने वाले को फ्रेंचाइजी दी गई। दोनों फ्रेंचाइजी के लिए 40 करोड़ रुपये की न्यूनतम राशि तय कर दी गई थी।
अंतरिम फ्रेंचाइजी चेन्नई और रॉयल्स के खिलाड़ियों को ड्रॉफ्ट प्रणाली के आधार पर बरकरार रख सकते हैं।
आईपीएल के अगले संस्करण के लिए खिलाड़ियों को दो श्रेणियों, कैप्ड और अनकैप्ड, में रखा जाएगा, जबकि शीर्ष खिलाड़ियों की नीलामी ड्रॉफ्ट प्रणाली के आधार पर होगी।
दोनों नई टीमें खिलाड़ियों की नीलामी पर न्यूनतम 40 करोड़ रुपये और अधिकतम 66 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगी।
शशांक मनोहर ने बताया कि ड्रॉफ्ट के जरिए खिलाड़ियों का चयन 15 दिसंबर को होगा। पुणे को सबसे पहले ड्रॉफ्ट के जरिए खिलाड़ियों को चुनने का अवसर मिलेगा।
शेष खिलाड़ियों की नीलामी बेंगलुरू में छह फरवरी को होगी।
इसके अलावा 13 और 14 जनवरी को श्रीनगर में फ्रेंचाइजियों के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी।
आईपीएल-9/10 के लिए रिक्त दो फ्रेंचाइजी हासिल करने की दौड़ में तीन और दावेदार थे। उनमें आरपीजी प्रॉपर्टीज के हर्ष गोयनका, चेन्नई की कंपनी चेत्तिनाद सीमेंट और एक्सिस क्लिनिकल शामिल थे।
आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने बताया कि न्यू राइजिंग ने नागपुर के रूप में एक विकल्प और रखा था, जिसके लिए उन्होंने 11 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
वहीं इंटेक्स ने भी नागपुर और विशाखापट्टनम के रूप में अपने दो विकल्प रखे थे, जिसके लिए उन्होंने 10-10 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
चेत्तिनाद ने पुणे और चेन्नई के लिए 27 करोड़ रुपये, जबकि आरपीजी ने पुणे के लिए 17.88 करोड़ रुपये और राजकोट के लिए 20.88 करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं।
एक्सिस ने नागपुर और कानपुर के लिए 15 करोड़ रुपये और पुणे के लिए 10 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
मनोहर ने कहा कि सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के दोबारा आईपीएल में शामिल होने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
मनोहर ने कहा, “अभी हमने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है। वे निलंबित ही रहेंगे। दो नई टीमों के लिए निविदा हासिल करने वाले अगले दो वर्ष तक आईपीएल का हिस्सा रहेंगे।”