दमिश्कः आईएस से संबंधित वेबसाइटों ने कुरआने मजीद में परिवर्तन और पवित्र घर, काबे को ध्वस्त करने के बारे में आतंकवादियों के कुछ नये फैसलों का उल्लेख किया है।
अरबी न्यूज़ साइट अलवसत ने लिखा है कि आईएस का मानना है कि इस्लामी धर्मगुरु, काफिर हैं और उन्होंने कुरआने मजीद को अपनी इच्छा और हितों के अनुसार बदल दिया है इस लिए शीघ्र ही कुरआने मजीद से काफेरून जैसे सूरे और ततहीर जैसी आयतें निकाल दी जाएंगी।
अलवसत के अनुसार ट्विटर पर आईएस के एक सदस्य ने ट्वीट किया है कि आईएस के सरगना, काबे को ध्वस्त करना चाहते हैं क्योंकि हाजी, काबे को हाथ लगाते और चूमते हैं जिससे वह काफिर हो जाते हैं क्योंकि इस्लाम में पत्थर को पूजना हराम है!
याद रहे आईएस अब तक सीरिया और इराक में दसियों इस्लामी स्थलों को बम से तबाह कर चुका है।
आईएस की ओर से इस प्रकार के इरादे की खबर सामने आने के बाद मिस्र के वक्फ मंत्री मुहम्मद मुख्तार जुमा ने कहा है कि कुरआने मजीद की आयतों में फेरबदल और काबे को ध्वस्त करने की आईएस की बातें निराधार हैं और यह उनकी कोरी कल्पना है।
अलबलद न्यूज साइट के अनुसार मुहम्मद मुख्तार जुमा ने इस बात पर बल देते हुए कि आईएस के आतंकवादी मुसलमानों के विरुद्ध मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़े हुए हैं इस लिए मुसलमानों को इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और वैसे भी कुरआने मजीद की रक्षा करने वाला अल्लाह है।
ज्ञात रहे कि अमरीका द्वारा इससे पहले भी कूरआन में उलट फेर करके उसे कूवैत में छपवा कर मुफ्त बांटा गया था और अब आइएस आतंकवादी संगठन भी एंसा ही करने का प्रयास कर रहा और इस आतंकवादी संगठन का गठन भी अमरीका द्वारा ही किया गया है तो कहीं ऐसा तो नहीं कि अमरीका स्वंय मुसलमानों पर यह मनोवैज्ञानिक हमला कर रहा है।
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