पणजी, 22 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्मकार सुभाष घई का कहना है कि असफलता एक तरह से आशीर्वाद है क्योंकि इनसे आप अपनी सीमाओं से बाहर जाकर और बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
पणजी, 22 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्मकार सुभाष घई का कहना है कि असफलता एक तरह से आशीर्वाद है क्योंकि इनसे आप अपनी सीमाओं से बाहर जाकर और बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
घई ने 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में अपनी मास्टरक्लास के दौरान कहा, “फिल्म निर्माता के रूप में 45 वर्षो की मेरी यात्रा में विफलता मेरे लिए सबसे बड़ी संपत्ति रही है। आपको असफलता को आशीर्वाद समझना चाहिए क्योंकि यह आपको अलग तरह की ऊर्जा देती है।”
उन्होंने कहा, “असफलता एक प्रयास है। दुनिया में कोई ऐसा फिल्म-निर्माता नहीं, जिसने फ्लॉप फिल्में न बनाई हों।”
वर्ष 1976 की फिल्म ‘कालीचरण’ के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद घई ने ‘कर्ज’, ‘राम लखन’, ‘खलनायक’, ‘परदेश’, ‘ताल’, ‘सौदागर’ और ‘कर्मा’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया।
घई का कहना है कि वह निर्देशक के रूप में फिर से तभी लौटेंगे जब उन्हें सही पटकथा मिलेगी।