नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। अवंता समूह के एक अधिकारी और उसके एक सहयोगी समूह के निदेशक से 25 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिए गए। निदेशक से जब फिरौती मांगने के लिए कॉल की गई थी, तब वह प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यात्रा में साथ गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
समूह की बल्लारपुर इंडस्ट्रीज के कारपोरेट मामले के महाप्रबधंक 47 वर्षीय वरिष्ठ अधिकारी जसपाल सिंह को निदेशक अनिल भार्गव से फिरौती मांगने के आरोप में शुक्रवार को पकड़ा गया।
इससे तीन दिन पहले पुलिस में फिरौती की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव यादव ने आईएएनएस से कहा, “दोनों आरोपी 20 अप्रैल तक पुलिस की हिरासत में हैं।”
पुलिस के मुताबिक सिंह ने फिरौती मांगने में 43 वर्षीय दीपक किशोर की सहायता ली, जिसने मुंबई जाकर फिरौती के लिए कॉल किया था।
भार्गव की ओर से मंगलवार 14 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
किशोर ने रकम नहीं दिए जाने पर भार्गव को मार डालने और उनके बच्चों को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी।
पुलिस ने पहले इस मामले एक व्यक्ति को बदरपुर के लाल कुआं क्षेत्र से उसके घर से पकड़ा, जिसकी पहचान बाद में किशोर के रूप में हुई।
यादव ने कहा, “किशोर ने बाद में जसपाल सिंह की भूमिका के बारे में बताई। उसे भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। उनके मोबाइल फोन और उपयोग किए गए सिम कार्ड जब्त कर लिए गए।”
पुलिस के मुताबिक थापर समूह द्वारा संचालित अवंता समूह ने 4,200 करोड़ रुपये का एक सौदा किया था, जिसकी जानकारी सिंह को थी।
पुलिस के मुताबिक, सिंह ने इसका लाभ उठाना चाहा और इसके लिए दिल्ली परिवहन निगम के एक बस चालक किशोर की सहायता ली तथा उसे अच्छी खासी रकम देने का वादा किया।
पुलिस के मुताबिक, सिंह को विश्वास था कि प्राथमिकी दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में उसे भी शामिल किया जाएगा, जबकि किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और भार्गव सीधे पुलिस के पास चले गए।
पंजाब के मोहाली में जन्में सिंह 2005 में बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़े थे और गत 10 साल से थापर समूह के कर्मचारी रहे थे।
धीरे-धीरे सिंह अपने अधिकारियों का भरोसा हासिल करते गए और उन्हें बल्लारपुर इंडस्ट्रीज का प्रमुख बना दिया गया, जो देश की सबसे बड़ी कागज निर्माता कंपनी है।