ईटानगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)। अरुणाचल प्रदेश में लापता हुए हेलीकॉप्टर की खोज दूसरे दिन भी जारी रही, लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। इसमें तिरप के उपायुक्त कमलेश जोशी सहित तीन लोग सवार थे।
जिला अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे लापता हुए पवन हंस हेलीकॉप्टर का तलाशी अभियान बुधवार सुबह से चलाया गया। इसके लिए बचाव दल सेना, असम राइफल्स और पुलिस तिरप जिले के जंगलों के साथ ही डिओमली के पास जंगलों में ट्रैकिंग किया गया।
भारतीय वायु सेना को भी हेलीकॉप्टर की हवाई तलाशी अभियान में लगाया गया है।
हेलीकॉप्टर ने तिरप जिले के खोंसा से लांगडिंग के लिए उड़ान भरी थी। इसमें तिरप उपायुक्त कमलेश जोशी और दो पायलट थे।
अधिकारियों ने कहा कि खराब मौसम की वजह से खोज और बचाव अभियान प्रभावित हुआ है।
अधिकारी ने बताया, “तालाशी अभियान आज (बुधवार)जल्दी शुरू हुआ हालांकि खराब मौसम ने इसे प्रभावित किया।”
उन्होंने कहा कि डिओमली इलाके से डिब्रूगढ़ में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की टीम को लापता हेलीकाप्टर के आखिरी सिग्नल प्राप्त हुए थे।
उन्होंने कहा कि डिओमली के पास कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मंगलवार सुबह 11 बजे के आसापास विस्फोट की आवाज सुनी।
पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड के स्वामित्व वाले डॉफिन वीटी-पीएचके हेलीकॉप्टर ने मंगलवार सुबह 10.30 बजे खोंसा से लांगडिंग के लिए उड़ान भरी थी। प्रस्थान के पांच मिनट बाद चाबुआ स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) का पायलट से अंतिम बार संपर्क हुआ था।
अरुणाचल प्रदेश पुलिस प्रमुख एस निथियानंदम ने आईएएनएस से कहा, “राज्य में खराब मौसम की वजह से वह लापता हेलीकॉप्टर का पता लगाने में सक्षम नहीं हैं।”
उन्होंने कहा “जांच और बचाव अभियान जारी है।”
पवन हंस हेलीकॉप्टर के गायब होने के तत्काल बाद, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और पवन हंस के चार हेलीकाप्टरों ने लापता हेलीकाप्टर का पता लगाने के लिए हवाई तलाशी अभियान चलाया। लेकिन खराब मौसम की वजह से बाद में अभियान रोक देना पड़ा।
इसके पहले वर्ष 2011 में अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य लोगों की उस समय मौत हो गई थी, जब उन्हें ले जा रहा पवन हंस हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसके कुछ दिनों बाद तवांग में उतरते समय एक और हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 16 लोग मारे गए थे।
इन दुर्घटनाओं के बाद, राज्य में 2013 तक व्यावसायिक हेलीकाप्टर सेवाएं बंद कर दी गई थीं। लेकिन इसके बाद पवन हंस की सेवाएं अरुणाचल प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में पुन: आरंभ की गईं।
पवन हंस हेलीकाप्टर सर्विसिस लिमिटेड (पीएचएचएल) 15 सालों से अधिक समय से अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में तथा गुवाहटी-तवांग के बीच दैनिक सेवाएं संचालित कर रही है।