गुवाहाटी, 7 जून (आईएएनएस)। मणिपुर में भारतीय सेना के एक काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले की वारदात के तीन दिनों के भीतर एनएससीएन-खापलांग के संदिग्ध आतंकवादियों ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश में अर्धसैनिक बल, असम राइफल्स के शिविर पर हमला कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है।
असम राइफल्स के प्रवक्ता ने कहा कि भारी हथियारों से लैस 30 आतंकवादियों ने रविवार तड़के तिराप जिले में स्थित असम राइफल्स के शिविर पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इसके जवाब में असम राइफल्स के जवानों ने भी गोलाबारी की।
उन्होंने कहा कि असम राइफल्स द्वारा जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकवादी भाग खड़े हुए।
प्रवक्ता ने कहा, “हमारी ओर से कोई हताहत नहीं हुआ। सुरक्षा बल अलर्ट पर थे और हमारे पास संभावित हमले की खुफिया जानकारी थी।”
यह हमला नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) के आतंकवादियों के एक समूह द्वारा मणिपुर में सेना के एक काफिले पर हमला करने के तीन दिन बाद हुआ है। इस हमले में 18 जवानों की मौत हो गई थी।
एनएससीएन-के ने मार्च में केंद्र सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते को खारिज कर दिया था। इसके बाद से ही अरुणचाल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में सुरक्षाकर्मियों पर लगातार हमले हो रहे हैं।
असम राइफल्स का शिविर म्यांमार से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है। अरुणाचल प्रदेश के तीन जिले -तिराप, चांगलांग और नवगठित लांगडिंग म्यांमार के साथ 520 किलोमीटर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं।
एनएससीएन-खापलांग के हाल में हुए पुनरुत्थान से सुरक्षा अधिकारी चिंतित हैं।
असम पुलिस की विशेष शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “क्षेत्र में कार्यरत अन्य आतंकवादी संगठनों पर एनएससीएन-खापलांग का हमेशा से ही नियंत्रण रहा है। पूर्वोत्तर के ज्यादातर आतंकवादी संगठन अपने कैडरों को प्रशिक्षण देने के लिए म्यांमार स्थित एनएससीएन-खापलांग के शिविरों का इस्तेमाल करते हैं।”
इसी बीच, असम, नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने राज्यों में अलर्ट जारी किया है।
मणिपुर ने हालांकि म्यांमार के साथ अपनी सीमा को पहले ही बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान के मुद्दे का मामला म्यांमार के समक्ष रखें।