वाशिंगटन, 1 मई (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों की स्थिति पर अमेरिकी सांसदों के समक्ष पेश की गई एक नई रपट के लेखक का कहना है कि सिखों को चाहिए कि वे अमेरिकी नागरिकों को यह समझाएं कि उनके लिए पगड़ी का अर्थ क्या है। क्योंकि यह उनकी पहचान का प्रतीक है।
वाशिंगटन, 1 मई (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों की स्थिति पर अमेरिकी सांसदों के समक्ष पेश की गई एक नई रपट के लेखक का कहना है कि सिखों को चाहिए कि वे अमेरिकी नागरिकों को यह समझाएं कि उनके लिए पगड़ी का अर्थ क्या है। क्योंकि यह उनकी पहचान का प्रतीक है।
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार जॉफ गैरिन ने नेशनल सिख कैंपेन (एनएससी) द्वारा प्रायोजित बैठक में यह रपट पेश करते हुए कहा, “सिखों को यह समझाना होगा कि उनका प्रतीक क्या है और यह किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है।”
गैरिन ने कहा, “इससे व्यापक अमेरिकी जनता पर प्रभावशाली असर होगा। इस अध्ययन से पता चलता है कि जब भी सड़कों पर या कहीं भी लोग सिखों को देखते हैं तो भ्रमित हो जाते हैं और यह भ्रम आगे चलकर दुखद परिणामों का कारण बनता है।”
अमेरिकी नागरिक यह भी सोचते हैं कि उनमें और सिखों में कोई समानता नहीं है।
गैरिन के मौजूदा ग्राहकों में विश्व बैंक, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय शामिल हैं।
इस कंपनी ने छह महीने तक देशव्यापी सर्वेक्षण किया और यह समझने की कोशिश की कि अमेरिका में सिखों को किस तरह से देखा जाता है और इस धारणा को बदलने में किस तरह की रणनीतियां मददगार रहेंगी।
इस रपट में विशिष्ट संदेश तकनीकों को शामिल किया गया है, जिसे सिख अमेरिकी लोगों के साथ बात करने के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं।
गैरिन के मुताबिक, इस सर्वेक्षण में यह पता चला है कि 10 में से छह अमेरिकी नागरिकों ने यह स्वीकार किया है कि वह सिख धर्म और बौद्ध धर्म के बारे में कुछ भी नहीं जानते।
उन्होंने कहा, “शिक्षित अमेरिकी नागरिक सिख लोगों के संपर्क में आ सकते हैं। युवा अमेरिकी नागरिकों को सिखों के बारे में जानकारी मिल सकती है।”
कांग्रेस में सिख कॉकस के संस्थापक और उपाध्यक्ष जूडी चू ने सिख समुदाय के बारे में अमेरिकी नागरिकों की धारणाओं के प्रति इस रपट को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया।