न्यूयार्क, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। विश्व रैंकिंग में सर्वोच्च कुर्सी पक्का कर चुकीं जर्मनी की टेनिस सितारा एंजेलिक केर्बर ने अमेरिकी ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है।
केर्बर ने शनिवार को आर्थर ऐश स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में चेक गणराज्य की कैरोलीना प्लिस्कोवा को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-3, 3-6, 6-4 से हराया।
10 वर्षो से ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में हिस्सा ले रहीं केर्बर के लिए मौजूदा वर्ष उनके लिए सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ है। इसी वर्ष जनवरी में आस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीतने वाली केर्बर विंबल्डन में भी फाइनल तक पहुंचीं।
इस वर्ष तीन-तीन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचीं केर्बर का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सेमीफाइनल तक का था।
शनिवार को खिताब जीतने के बाद केर्बर ने कहा, “यह बेहद शानदार रहा। मैं इस वर्ष दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने में सफल रही और मेरे करियर का यह सर्वश्रेष्ठ वर्ष साबित हुआ है।”
केर्बर ने कहा, “मुझे अमेरिकी ओपन में पहली बड़ी सफलता 2011 में मिली थी। और अब पांच साल बाद मैं यहां खिताब जीतने में सफल रही। इस वर्ष मेरे सारे सपने सच हो रहे हैं।”
गौरतलब है कि केर्बर 2011 में बतौर 92वीं विश्व वरीय अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल तक पहुंची थीं।
फाइनल मैच में दोनों ही खिलाड़ियों ने पूरा दमखम दिखाया, लेकिन केर्बर ने कम से कम गलतियां करते हुए जीत हासिल की।
सर्विस के मामले में दुनिया की मौजूदा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल प्लिस्कोवा ने एक के मुकाबले पांच एस लगाए और केर्बर के 21 विनर्स के मुकाबले 40 विनर्स हासिल किए।
लेकिन चार डबल फॉल्ट और 47 गैर वाजिब गलतियों का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा।
प्लिस्कोवा भी इन दिनों शानदार फॉर्म में चल रही हैं। तीन सप्ताह पहले ही उन्होंने सिनसिनाटी ओपन के सेमीफाइनल में अमेरिकी दिग्गज सेरेना विलियम्स उनकी बड़ी बहन वीनस विलियम्स को मात दी थी और केर्बर को भी करारी शिकस्त दी थी।
लेकिन केर्बर के लिए शनिवार का दिन बिल्कुल अलग था और उन्होंने पिछली हार का बदला चुकाते हुए दूसरा सेट गंवाने के बाद जबरदस्त वापसी की और अंतत: खिताब जीतने में सफल रहीं।
केर्बर ने कहा, “पिछले दो सप्ताह में जो कुछ हुआ वह अद्वितीय रहा। खासकर जब मैं यहां पहुंचीं तो सभी मुझसे सर्वोच्च विश्व वरीय खिलाड़ी बनने के बारे में पूछते रहे, लेकन मैं उन दबावों से उबरने में सफल रही।”
वहीं प्लिस्कोवा ने कहा, “मेरे खयाल से मैंने शानदार प्रदर्शन किया। यह किसी ग्रैंड स्लैम में मेरा पहला फाइनल मैच था। मैं जीत के काफी करीब तक पहुंची। मेरा आशय है कि केर्बर को फाइनल खेलने का मुझसे अधिक अनुभव था, जो संभवत: इस मैच का निर्णायक बिंदु साबित हुआ।”