वाशिंगटन, 7 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिक की मौत इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ किए गए जॉर्डन के हवाई हमले में हो गई।
जॉर्डन ने आईएस द्वारा अपनी वायुसेना के एक पायलट को जिंदा जलाकर मारने वाला वीडियो जारी होने के बाद इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। जॉर्डन पहले से ही आईएस के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अमेरिकी नेतृत्व में बने गठबंधन का हिस्सा है।
जॉर्डन के हवाई हमले में अमेरिकी बंधक की मौत का दावा आईएस ने किया है। आईएस ने सहायता मिशन के तहत कार्यरत 26 वर्षीय अमेरिकी नागरिक कायला जीन मूलर को अगस्त 2013 में बंधक बना लिया था। उसने दावा किया है कि सीरियाई शहर रक्का में एक इमारत के नजदीक किए गए हवाई हमले में मूलर की मौत हो गई।
आतंकवादी गिरोहों की ओर से किए जाने वाले ऑनलाइन पोस्ट पर नजर रखने वाले समूह ‘साइट’ के अनुसार, आईएस ने अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को ‘आपराधिक जिहादी’ करार देते हुए कहा है, “गठबंधन की ओर से शुक्रवार दोपहर रक्का शहर के बाहरी इलाके में बमबारी की गई, जब लोग नमाज अदा कर रहे थे।”
आईएस ने मूलर के निजी जीवन के बारे में बताया है और उस इमारत की तस्वीर दी है, जहां बमबारी की गई, लेकिन उसने बंधक की कोई तस्वीर नहीं जारी की।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस ने कहा कि अमेरिका आईएस के दावों की पुष्टि नहीं कर सकता।
यदि आईएस का यह दावा सही साबित होता है तो मूलर चौथे अमेरिकी नागरिक होंगे, जिनकी हत्या आईएस के कब्जे में हुई है।
आईएस ने इससे पहले जिम फोले और स्टीवेन सॉटलॉफ तथा सहायता कर्मी पीटर कासिंग के सिर कलम कर दिए थे और इनके वीडियो भी जारी किए थे।
जिस वक्त मूलर को अगवा किया गया था, वह ‘सपोर्ट टू लाइफ ग्रुप’ के सदस्य थे और स्पेन की ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ टीम के साथ तुर्की-सीरिया की सीमा से लगे क्षेत्र में कार्यरत थे।