वाशिंगटन, 13 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका ने पेरिस में रविवार को आतंकवाद के खिलाफ निकाली गई एकजुटता रैली में किसी बड़े अधिकारी को नहीं भेजने पर अफसोस जताया है। इस मुद्दे पर आलोचना झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने सोमवार को माना कि इस रैली में उन्हें किसी बड़े अधिकारी को शिरकत करने के लिए भेजना चाहिए था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा, “हमें निश्चित तौर पर किसी बड़े अधिकारी को वहां भेजना चाहिए था।” उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन फ्रांस के साथ है और दोनों देश लंबे समय से एक-दूसरे के साझीदार रहे हैं।
अर्नेस्ट ने कहा, “सुरक्षा कारणों से ओबामा इस रैली में हिस्सा नहीं ले सके। मुझे लगता है कि यदि स्थिति अलग होती तो राष्ट्रपति को रैली में शामिल होकर अच्छा महसूस होता।”
गौरतलब है कि फ्रांस की साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ के पेरिस स्थित दफ्तर पर पिछले सप्ताह हुए आतंकवादी हमले में 17 लोगों की मौत के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पेरिस में रविवार को एक विशाल रैली निकाली गई थी, जिसमें दुनिया के 40 देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया था।
रैली में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास तथा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भी हिस्सा लिया था, जबकि अमेरिका की ओर से जिस वरिष्ठ अधिकारी ने रैली में शिरकत की थी, वह फ्रांस में अमेरिका के राजदूत जेन हाटर्ली थे।
रिपब्लिकन नेताओं ने पेरिस रैली में किसी बड़े अधिकारी को नहीं भेजने के लिए ओबामा प्रशासन की आलोचना की है। उन्होंने इसे भूल करार दिया और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
इन आलोचनाओं के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को कहा कि भारत की पूर्व निर्धारित यात्रा के कारण वह रैली में शामिल नहीं हो सके। लेकिन वह इस सप्ताह के आखिर में फ्रांस की यात्रा करेंगे और चरमपंथी हिंसा से निपटने के तरीकों पर फ्रांस से चर्चा करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।