अमेठी, 14 सितंबर- उत्तर प्रदेश के अमेठी राजघराने में स्वामित्व का विवाद रविवार को सड़क पर उतर आया। राजमहल के वारिस और कांग्रेस सांसद नेता संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह के बेटे अनंत विक्रम सिंह के समर्थन में उतरे स्थानीय लोगों ने राजमहल भूपति भवन को घेर लिया और संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह को महल में घुसने नहीं दिया। पुलिस ने लोगों को खदेड़ने के लिए जब लाठीचार्ज किया तो जवाब में पथराव और गोलीबारी की गई, जिसमें एक कांस्टेबल की मौत हो गई। इस सिलसिले में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है। संजय सिंह व उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह के बीच स्वामित्व का विवाद चल रहा है। रविवार की सुबह संजय सिंह और उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह को एक विशेष अदालत में पेश होना था। इससे पहले वे राजमहल के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन विरोध किया गया। जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो स्थानीय लोग उग्र हो उठे।
देखते ही देखते उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की तो दूसरी तरफ से भी फायरिंग की गई। एक गोली सिपाही विजय प्रताप मिश्र को लगी, जिससे आनन-फानन में सीएचसी में भर्ती कराया गया। लेकिन सिपाही की हालत बिगड़ती देख उसे लखनऊ ट्रामा संेटर रेफर कर दिया गया। ट्रामा ले जाते समय सिपाही ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
बताया जाता है कि सिपाही की मौत के बाद पुलिस ने जमकर तांडव मचाया और मीडियाकर्मियों तक को नहीं बख्शा। करीब आधा दर्जन मीडियाकर्मी घायल हो गए और उनके कैमरे भी तोड़ दिए गए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया। इस घटना में कई अन्य लोग घायल हुए हैं। घटनास्थल पर कई थानों के पुलिस दस्ते तथा आरएएफ व पीएसी बल को तैनात किया गया है।
इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सिपाही की मौत पर दुख जताया है और उसके परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
पुलिस अधीक्षक हीरालाल ने बताया कि 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है और एफआईआर की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम में कई प्रशासनिक व मीडियाकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
वहीं जिलाधिकारी जगतराज त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।