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अमरीका और पाकिस्तान का सम्बन्ध-भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा

February 5, 2015 6:29 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on अमरीका और पाकिस्तान का सम्बन्ध-भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा A+ / A-

1013308540पाकिस्तान और अमरीका के संबंधों में एक बड़ा अपवाद सामने आया है तथा भारत एवं अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं| इस्लामी राज्य का एक नेता पाकिस्तान में इस गुट के लिए एक समूह गठित कर रहा था और सीरिया में युद्ध के लिए भाड़े के सैनिकों की भर्ती अमरीका के पैसे पर कर रहा था| यूसुफ अल सलाफी ने यह स्वीकृति खुली तौर पर की है| पाकिस्तान की विशेष सेवाओं ने इस्लामी राज्य के इस सीरियाई कमांडर को लाहौर में  गिरफ्तार किया था| उन पर इस्लामी राज्य गुट की शाखा पाकिस्तान में गठित करने के लिए वहां घुसने का आरोप है| उसके साथ उसके दो अन्य साथी भी थे|

इस प्रश्न के उत्तर में कि उनकी गतिविधियों का वित्त-पोषण कौन करता है, उसने अमरीका का नाम लिया| इस्लामी राज्य के समर्थक पाकिस्तान में सीरिया में युद्ध करने के लिए 600 डॉलरों में युवा लोगों को भर्ती कर रहे हैं|

इस्लामी राज्य के गिरफ्तार इस कमांडर ने बताया कि वहां के एक स्थानीय इमाम युवा लोगों को भाड़े का सैनिक बनने के लिए फंसाते हैं| यह इमाम मस्जिद आने वालों के लिए एक ख़ास प्रकार के धर्मोपदेश देते हैं| ज़ाहिर है कि वह भी अमरीका द्वारा फेंके गए पैसे लेने में संकोच नहीं करते हैं|

यूसुफ अल सलाफी ने बताया कि अमरीका इस बात को हर तरह से गुप्त रखने का प्रयत्न करने वाला था कि वह अपने हितों की पूर्ति के लिए इस्लामी राज्य को वित्तीय सहायता देता है| इसीलिये वह इराक में इस्लामी राज्य के हमलों को वित्तीय समर्थन प्रदान कर रहा था, सीरिया में नहीं| सीरिया में उसी के हाथों बशर असद के शासन को कुचलने के अपने लक्ष्य को वह छिपा रहा था|

प्राच्य संस्थान के विशेषज्ञ बरीस दल्गोव ने अमरीका की खुफिया रणनीति की विशेषता को जानते हुए कहा है कि यह परिदृश्य काफी सत्याभासी है| वह कहते हैं:

यह अमरीकी विदेश नीति का एक पहलू है| वह कट्टरपंथी इस्लामवादियों के हाथों मध्य पूर्व में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं| यह काफी स्पष्ट है| अमरीका ने ही बिन लादेन को प्रायोजित किया था, जब वह अफगानिस्तान में सोवियत समर्थक शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था| अमरीका  लगभग उन सभी सशस्त्र गुटों का समर्थन करता है, जो बशर असद के खिलाफ लड़ रहे थे या लड़ रहे हैं| सीरिया और इराक के कुछ हिस्सों में इस्लामी खलीफात की घोषणा कर चुके इस्लामी राज्य के सन्दर्भ में भी यह सच है| इस्लामी राज्य सहित कट्टर इस्लामवाद एवं इलाके में आतंकवादी गतिविधियों के विकास के लिए अमरीका ही ज़िम्मेदार है| यह सब उसी की नीति का परिणाम है|

इस्लामी राज्य के कमांडर की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में यह आरोप और तेज़ हो गए हैं कि इलाके में घट रही घटनाओं के लिए अमरीका ज़िम्मेदार है| पेशावर में सेना स्कूल के छात्रों के खिलाफ हुए हमले के लिए भी|

राजनीतिक विश्लेषक स्तानिस्लाव तरासोव यहाँ पर इलाके में अमरीकी नीति के दूसरे पहलू की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहते हैं:

अमरीका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने की तैयारी करते समय काफी पहले से तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ गुप्त वार्ता कर रहा था| यह वार्ताएं वह इस्लामी राज्य की तरफ आकर्षित कट्टरपंथी गुटों के साथ भी कर रहा था| एक समय पर अमरीका इस्लामी राज्य को अपने हथियार यानी ट्रोजन घोड़े के रूप में देखता था, जो मध्य पूर्व में उसके भू-राजनीतिक लक्ष्यों की प्राप्ति में कारगर होगा| यहाँ पर चर्चा मात्र सीरिया और बशर असद को सत्ताच्युत करने की नहीं हो रही है| इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि तालिबान ‘इस्लामी राज्य’ के झंडे तले इस्लामाबाद में सत्ता परिवर्तन की तैयारी कर रहा था|

इस सम्बन्ध में भारत के ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ ने एक दिलचस्प तथ्य पर प्रकाश डाला है| पता चला है कि इस्लामी राज्य ने पाकिस्तानी तालिबान का मुख्य उद्देश खुरासान का निर्माण बताया है| प्राचीन समय में वर्तमान अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत का कुछ हिस्सा मिलकर खुरासान के नाम से जाने जाते थे| इस्लामी राज्य के एक प्रतिनिधि अबू मुहम्मद अल-अद्नानी ने इंटरनेट पर खुरासान में खलीफात के विस्तार के बारे में प्रसारित वीडियो क्लिप में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पूर्व नेता हाफ़िज़ सईद खान को इस इलाके का गवर्नर नामित किया है|

अमरीका और पाकिस्तान का सम्बन्ध-भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा Reviewed by on . पाकिस्तान और अमरीका के संबंधों में एक बड़ा अपवाद सामने आया है तथा भारत एवं अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं| इस्लामी राज्य का एक नेता पाकिस्तान और अमरीका के संबंधों में एक बड़ा अपवाद सामने आया है तथा भारत एवं अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं| इस्लामी राज्य का एक नेता Rating: 0
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