नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने सिनेमा और काव्यात्मक संगीत की खराब सामग्री के संदर्भ में गुरुवार को कहा कि अभद्र संगीत से पूरा देश प्रभावित होता है।
जावेद ने कहा, “फिल्मों का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए अगर किसी फिल्म का संगीत खराब या अभद्र है तो पूरा देश इससे प्रभावित होता है।”
उन्होंने कहा, “आप इसके लिए लेखक को दोष नहीं दे सकते। समस्या संगीत की रचना करने वालों की नहीं है, समस्या लोगों की है जो ऐसे संगीत को पसंद करते हैं और उसे सफल बनाते हैं।”
उन्होंने कहा, “गीत स्थितियों पर लिखे जाते हैं। कहानियों और संगीत में बदलाव आया है। हमारी भाषा खराब हो गई है।”
उन्होंने कहा, “आज की युवा पीढ़ी कविता, भाषा, साहित्य, लोक गीत और परंपरा नहीं जानती। कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की हिंदी और उर्दू अच्छी है तो यह खराब परवरिश के कारण है।”
उन्होंने कहा, “यह समझ आता है कि 21वीं सदी में अंग्रेजी जरूरी है, लेकिन हमें अपने बच्चों को बहुभाषी बनाना चाहिए।”