देवदत्त दुबे, भोपाल।
पुरातनवादी परंपरा से हटकर अब प्रदेश के सहकारी बैंक भी राष्टीयकत बैंको की भांति न केवल विशेषज्ञ अधिकारियों कर्मचारियों से लैस होगी बल्कि कामर्शियल रूप से भी सशक्त होगें।इस आशय के निर्णय आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में लिये गये।
दरअसल प्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास एवं सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि सहकारी बैंकों की स्थिति अब दयनीय नहीं रहे,इसके लिये जहां वे चुनाव के माध्यम से निर्विवाद और ईमानदार लोंगों को बैंको में बिठाने के पक्षधर रहे हैं,वहीं आज लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से भी सहकारी बैंको की स्थिति सुधारने की आस बंधी है।
सहकारी बैंकों की शीर्ष अधिकारियों वाली इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि 1345 पदों पर जिला सहकारी बैंकों एवं 45 पदों पर एपेक्स बैंक के योग्य एवं कमर्शियल दक्षता रखने वाले कर्मचारियों अधिकारियों की भर्ती राष्टीय भर्ती बोर्ड के माध्यम से शीघ्र कराई जाये जिससे राष्टीयकत बैंको की भांति सहकारी बैंक भी कमर्शियल रूप से सक्षम बनें साथ ही घाटे में चल रहे बैंको में वसूली अभियान भी चलाया जायेगा एवं वसूली अभियान की समीक्षा विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव हर सप्ताह करेंगें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि सहकारी बैंक अब राष्टीय कत बैंकों से किसी भी क्षेत्र में कमतर न रहें।जाहिर है आज की बैठक में लिये निर्णय यदि धरातल पर लागू हो गये तो प्रदेश में सहकारी बैंकों के दिन न केवल फिरेंगें बल्कि किसानों की समस्याओं को हल करने में और ज्यादा सक्षम होंगें।अब सहकारी बैंकों में चल रहा राजनैतिक हस्तक्षेप भी कम होगा और घाटे में चलने वाले बैंक के नाम से जाने जाने वाले सहकारी बैंक भी अपनी खोई प्रतिष्ठा को वापस पाने में सफल होंगें।
राजनीतिक हस्तक्षेप कम होगा
प्रदेश के किसान होगें सीधा लाभांवित
सहकारी क्षेत्र की साख लौटेगी