अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत बालह में बाल व्यापार बढ़ता जा रहा है| पिछले तीन महीनों के दौरान ऐसे तीन सौदे सामने आये हैं| यह खबर अफगानिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग ने दी है| अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के बाल अधिकार से संबंधित नियमों का उल्लंघन क्यों और किस के द्वारा किया जा रहा है? यह सवाल हमारे संवादात्ता जुहाल सरहद ने अफगानिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के प्रेस सचिव डाक्टर रफाईल उल्लाह बेदार से पूछा है| इस सवाल का जवाब देते हुए बेदार ने कहा कि उनके ख्याल में बच्चों को बेचने का मुख्य कारण गरीबी है| कुछ दिनों पहले बालह प्रांत के मुख्य शहर मज़ारी-शरीफ में बाल व्यापार की घटना सामने आयी थी| एक महिला अपनी नवजात बच्ची ४०० डालर में एक आदमी को बेचने जा रही थी, जो बाद में उसे विदेश भेजना चाहता था| आम तौर पर ये तथाकथित एजेंट मां-बाप से यह वायदा करते हैं कि विदेश में यानी यूरोपीय देशों व पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों में उन के बच्चों को धन कमाने, धार्मिक स्कूलों में शिक्षा पाने जैसी सामाजिक सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौक़ा मिलेगा| आम तौर पर यह भी वादा किया जाता है कि बेचे गए बच्चों के साथ माता-पिता का संबंध बना रहेगा|
लेकिन वास्तव में ऐसा कभी नहीं होता है| माता-पिता यह समझ नहीं पाते हैं कि वे अपने बच्चों को अपराधियों और डकैतों के हाथों में सौंप रहे हैं, जो विदेश में उन के बच्चों को गुलाम बनाकर बेचते हैं, बच्चों की ह्त्या करके उन के अंगों का व्यापार करते हैं| आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे कुछ बच्चे स्वदेश वापस लौटने में सफल रहे हैं| उदाहरण के लिए कुछ समय पहले १०० से भी ज्यादा अफगान बच्चों को वापस लौटने की संभावना मिली| इन बच्चों से बात किये जाने के बाद पता चला कि वे कितनी कठिन परिस्थतियों में रह रहे थे और काम कर रहे थे| हमें आशा है कि उन देशों के मानवाघिकार कार्यकर्ताओं से सहयोग सफलतापूर्वक किया जाएगा जहाँ अफगान बच्चे गैरकानूनी ढंग से ले जाये जाते हैं| अफगानिस्तान में २०१० में सशस्त्र संघर्ष काल में बच्चों से संबंधित सवालों पर एक ख़ास समन्वयन समिति की स्थापना की गयी थी| इस समिति का उद्देश्य — अफगानिस्तान में और विदेश में अफगानी बच्चों के अधिकारों का गंभीर रूप से उल्लंघन करनेवाली घटनाओं के प्रति प्रतिक्रया करना है| लेकिन खेद्वश बाल अघिकारों के पालन के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा उठाये जानेवाले अनेक क़दमों के बावजूद अफगानिस्तान में और खास तौर से अफगानिस्तान के दूरदराज़ इलाकों में बच्चों के विरुद्ध गैरकानूनी कार्रवाइयां जारी हैं|
कुछ दिनों पहले ‘यूनिसेफ’ की रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी, जिस में दुनिया के १९० देशों में बच्चों के प्रति की गयी हिंसात्मक कार्रवाईयों के बारे में सूचनाएं पेश की गयी हैं| इस में कहा गया है कि विश्व के विभिन्न देशों में लाखों बच्चों पर अत्याचार किया जाता है| २०१२ में लगभग ९५ हज़ार बच्चों की हत्या की गयी|
रेडिओ स्पुतनिक से