काबुल, 12 मई (आईएएनएस)। एक पूर्व पत्रकार और संसद के निचले सदन की सांस्कृतिक सलाहकार की काबुल में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर उन्होंने जान का खतरा होने की बात को साझा किया था।
मेना मंगल को अफगानिस्तान के सबसे बड़े निजी प्रसारक पश्तो भाषा के चैनल टोलो टीवी और बाद में स्थानीय टीवी नेटवर्क जैसे लेमार टीवी, शमशाद न्यूज और एरियाना टीवी पर एक प्रस्तुतकर्ता के रूप में पहचान मिली थी।
गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि काबुल के पीडी 8 कार्ट-ए-नवा इलाके में शनिवार को दिनदहाड़े उन पर हमला किया गया।
टोलो न्यूज ने मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी के हवाले से कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जान का खतरा होने के बाद भी मेना को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?
अफगान मानवाधिकार वकील और महिला अधिकार कार्यकर्ता वजहमा फरोग ने कहा, “महिला ने पहले ही अपनी जान को खतरा बताया था, कुछ क्यों नहीं किया गया? हमें जवाब चाहिए।”
उन्होंने कहा, “पुरुष प्रधान इस समाज में यह इतना आसान क्यों है कि यदि कोई महिला आपसे सहमत नहीं है तो उसकी हत्या कर दो।”
3 मई को मेना मंगल ने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें धमकी भरे संदेश मिल रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा था कि ‘मजबूत महिलाए मौत से नहीं डरतीं’ और वह अपने देश से प्यार करतीं हैं।
ट्विटर पर मंगल की मां ने रोते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने पुरुषों के एक समूह को संदिग्ध हत्यारों के रूप में नामित किया है।
उन्होंने दावा किया कि इसी समूह ने पहले भी उनकी बेटी का अपहरण किया था। समूह सदस्यों को उस अपहरण के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में रिश्वत देकर वे छूट गए।
मंगल शिक्षा और कार्य के लिए महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार थीं और हाल ही में अफगानिस्तान की संसद के निचले सदन में एक सांस्कृतिक सलाहकार बनी थीं।
मंगल की हत्या के कुछ दिन पहले तालिबान ने काबुल में एक अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूह के मुख्यालय पर हमला किया था, जिसमें उन्होंने हमले के पीछे का कारण महिला अधिकारों के लिए वहां हो रहे कामों का बताया था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि अफगानिस्तान में इस सहायता समूह ने ‘हानिकारक पश्चिमी गतिविधियों’ को बढ़ावा दिया है और ‘पुरुषों और महिलाओं के बीच खुले अंतर-मिश्रण को बढ़ावा देने’ का काम किया है।