अनिल सिंह (भोपाल)– कलयुग ने अपना एक और वीभत्स रूप दिखाया भोपाल में अपेक्स बैंक के कर्मचारी भूपेन्द्र निवाडे के द्वारा अपनी पत्नी के विगत 13 वर्षों से स्वयं तथा अपने मित्रों द्वारा यौन शोषण करवाये जाने का मामला सामने आया है।
क्या है मामला
भूपेन्द्र निवाड़े खरगोन का मूल निवासी है तथा अपेक्स बैंक भोपाल मुख्यालय में पदस्थ है,इसे पार्टियों का शौक है तथा बड़े लोगों के साथ महफ़िलें सजाने का शौक,इसी के एवज में उसने पार्टियों के दौरान अपनी स्वयं की पत्नी से साजिश रखते हुए दोस्तों और वरिष्ठ अधिकारीयों के सामने परोस दिया और वे बेशर्म दोस्त और अधिकारी भी उसकी पत्नी का उपभोग करते रहे.
इस अत्याचार की शुरुआत खरगोन से हुई जहाँ निवाड़े ने यह बोल कर शादी की की वह अधिकारी है,लेकिन वह चपरासी के पद पर कार्य करता था।शादी होते ही यह पत्नी से मार-पीट करता रहा और अपने दो दोस्तों की हवस का शिकार भी बनवाया।
अपने इसी अभिचार से अवैध प्रमोशन पाया
इसने अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों को खुश करके प्रमोशन पाया,अपेक्स बैंक का विधिक सलाहकार ओम पाटीदार इस हेतु सहयोगी बना,ओम पाटीदार के अपेक्स बैंक के अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत से अच्छे सम्बन्ध बताये जाते हैं,यह ओम पाटीदार लड़कियों की दलाली के लिए भी जाना जाता है।
महिला को पागल बताता था,देता था यौन उत्तेजक इंजेक्शन और नींद की दवा
निवाडे अपनी पत्नी को कॉलोनी में पागल बताता था ताकि कोई उसकी बातों पर विश्वास न करे,नींद की दवा देकर दिन भर नशे में रखा जाता था महिला को और यौन उत्तेजना के इंजेक्शन दे कर लोगों को सौंप दिया जाता था।
अपने बच्चों को भी देता था नींद की दवा
निवाड़े नीचता की हद पार कर चुका था,अपने बच्चों को भी नींद की दवा देता था की वे सो जाएँ तथा निवाड़े और उसके दोस्त अपनी मन मर्जी कर सकें।
क्यों महिला ने विद्रोह किया
भूपेन्द्र निवाडे की बेटी किशोरवय है,निवाड़े ने जब उसे भी अपने साथियों को सौंपने का विचार किया तो माँ विद्रोह कर उठी और अपनी बेटी को गन्दगी से बचाने हेतु समाज के सामने आ गयी।
कौन आया उसके साथ आगे
उसी कॉलोनी में रहने वाली अदिति त्रिपाठी जो की पत्रकार और समाजसेविका विजय पाठक के साथ इस पीड़िता की मदद हेतु आगे आयीं,महिला ने अपनी तकलीफ इन्हें बतायी और थाने ले चलने की गुहार लगाई।
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष ने मदद से मना किया
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत से 4 सितम्बर को अदिति त्रिपाठी ने संपर्क किया और मदद के लिए कहा लेकिन शेखावत ने मना कर दिया कि मैं कर्मचारियों के बीच में नहीं बोलता और यह सामने आया की दलाल ओम पाटीदार के बड़े मधुर सम्बन्ध हैं शेखावत से।
जब 6 सितम्बर को हमने शेखावत से बात की तो उन्होंने कहा की वे कुछ जानते ही नहीं और तुरंत थाने फ़ोन लगा कर अधिकारीयों से बात करने लगे अब क्या कहा वे ही जानें।
पुलिस का अपेक्षित सहयोग नहीं है
इस घृणित कार्य को पुलिस दोषियों को सजा दिलवाने के स्थान पर इस जुगाड़ में लगी है कि कैसे बड़े नामों को बचाया जाय
सराहना करनी होगी उस पीडिता की जिसने अपने बच्चे की खातिर विद्रोह किया तथा शोषण से लड़ गयी,बधाई की पात्र हैं अदिति त्रिपाठी जी,विजया पाठक जी तथा धिक्कार है उन नेताओं को जिन्हें मामला संज्ञान में लाने पर भी उन्होंने पल्ला झाड लिया।
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