कोलकाता, 7 फरवरी (आईएएनएस)। अनुभवी फिल्मकार रमेश सिप्पी कहते हैं कि दिवंगत संगीत सम्राज आर. डी. बर्मन हमेशा अपने समय से बहुत आगे थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा को संगीत की नई शैली से परिचित कराया।
सिप्पी और बर्मन ने सबसे पहले 1972 में फिल्म ‘सीता और गीता’ में साथ काम किया था। इसके बाद उन्होंने ‘शोले’, ‘शान’, ‘शक्ति’ और ‘सागर’ में साथ काम किया।
सिनेजगत में प्यार से पंचम दा पुकारे जाने वाले बर्मन ने ‘सागर किनारे’, ‘शान से’ और कई ऐसी गाने दिए, जो भारतीय सिनेमा और संगीत जगत में प्रतिष्ठित हो गए।
सिप्पी ने कहा कि उन्हें पंचम दा की कमी खलती है। उन्होंने कहा, “मैंने आर. डी. को हमेशा उनकी ऊर्जावान और युवा सोच के कारण चुना।”
सिप्पी ने कोलकाता साहित्य उत्सव में बर्मन को समर्पित गायिका उषा उत्थुप के एल्बम लांच पर कहा, “मुझे लगता था कि यहां एक ही इंसान है, जो मुझे नई दुनिया में ले जाएगा।”
उन्होंने कहा, “फिल्म ‘सीता और गीता’ से लेकर ‘सागर’ तक बर्मन के साथ सफर शानदार रहा। फिल्म ‘शोले’ की पृष्ठभूमि की धुनें भी फिल्म के गानों जितनी ही लोकप्रिय हुई थीं। यहां कोई है, जो उन्हें आज भी याद करता है।”