(खुसर-फुसर)-भोपाल भाजपा मुख्यालय में जिसे जो समझ आ रहा है वही कर रहा है,अपनी ढपली अपना राग की कहावत यहाँ चरितार्थ हो रही है,जिसका जो कार्य है वह नहीं कर रहा,प्रवक्ता कक्ष प्रभारी प्रवक्ता का कभी मीडिया प्रभारी का कार्य कर रहे हैं,मीडिया प्रभारी सिर्फ चंद पत्रकारों के लिये कार्य कर रहे हैं.प्रवक्ता अकेले अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं.
कल संगठन मंत्रियों की बैठक में निवेदन किया गया की मुख्यमंत्री कुछ देर के लिये बैठक में आ जाएं जिससे सभी से भेंट हो जायेगी,इसकी सूचना पत्रकारों को नहीं की जानी थी,क्योंकि मुख्यमंत्री को कोई बयान नहीं देना था यह बस एक औपचारिक मुलाकात थी,लेकिन एक सज्जन ने चुपचाप कुछ पत्रकारों को फोन कर दिया,जबकि वे उसके अधिकारी नहीं थे,और उन्होने इसके लिये किसी से अनुमति नहीं ली,
और सोने पर सुहागा यह की बिना जाने समझे मुख्यमंत्री से पत्रकारों से बातचीत के लिये कह दिया,अपना रसूख दिखाने के लिये वे कह तो गये लेकिन यह नहीं सोचा की मुख्यमंत्री बयान देने की स्थिति में नहीं हैं.आपको बता दें की शॉर्ट कट से घुसपैठ किये ये नेता जी अपने को अभी से मीडिया प्रभारी समझ मान बैठे हैं लेकिन वर्तमान मीडिया प्रभारी से भी आगे जाते अभी से दिख रहे हैं.वर्तमान मीडिया प्रभारी से तो पत्रकार दुखी हैं ही यदि ये आ गये तब तो और गजब होना तय ही है…………….. देखते है किसके अच्छे दिन आते हैं.