न्यूयॉर्क, 4 फरवरी (आईएएनएस)। आप अपने विचारों पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पा सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि बाहरी पर्यावरण हमारे विचारों को प्रभावित करता है। यह हमारी मर्जी के विरुद्ध भी हमारे विचारों को प्रभावित कर सकता है।
सैन फ्रांसिस्को स्टेट युनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के सह प्राध्यापक और शोध के सह-लेखक इजेक्विल मर्सेला ने कहा, “चेतना के दौरान हमारे विचार हमारे चारों ओर के वातावरण से सुरक्षित रहते हैं, लेकिन हमने पता लगाया है कि वे बाह्य वातावरण से इतनी अधिक मजबूती से जुड़े होते हैं कि हम महसूस भी नहीं कर सकते।”
मर्सेला ने कहा, “आगे हम क्या सोचेंगे इस पर हमारा बहुत कम नियंत्रण होता है।”
शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने प्रतिभागियों को 52 ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें दिखाईं, जो कि विभिन्न लंबाई वाले परिचित शब्दों से संबंधित थीं, इन तस्वीरों में समान्य आकृतियां बनी हुई थीं, जैसे लोमड़ी, दिल, साइकिल।
प्रतिभागियों को कहा गया था कि वे हर शब्द और शब्द में कितने अक्षर हैं उसको लेकर दिमाग में बात न करें।
शोधकर्ताओं ने पाया कि औसतन 73 फीसदी प्रतिभागियों ने शब्दों को मन में दोहराया और 33 फीसदी ने इसके अक्षरों की संख्या की गिनती की।
शोध जर्नल कॉन्शियसनेस और काग्नीजन में प्रकाशित हुआ है।