रायपुर, 5 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यहां मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में जिला कलेक्टरों को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार रहित जवाब देह प्रशासन की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि जनता की प्राथमिकताएं ही सरकार की प्राथमिकता होती है, इसलिए सरकार की प्राथमिकताएं जिला कलेक्टरों की भी प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
रायपुर, 5 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यहां मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में जिला कलेक्टरों को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार रहित जवाब देह प्रशासन की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि जनता की प्राथमिकताएं ही सरकार की प्राथमिकता होती है, इसलिए सरकार की प्राथमिकताएं जिला कलेक्टरों की भी प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
डॉ. सिंह ने प्रशासन में पारदर्शिता और विनम्रता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “कलक्टरों को सप्ताह में कम से कम एक दिन प्रत्येक सोमवार को दफ्तर में बैठकर जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलना चाहिए और धैर्य तथा विनम्रता से उनकी बातें सुननी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों को अहंकार से बचना चाहिए। लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को जनप्रतिनिधियों के सम्मान का पूरा ध्यान रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्या काम हो सकता है और क्या नहीं, यह अलग विषय है, लेकिन यह संदेश नहीं होना चाहिए कि कलेक्टरों के यहां सुनवाई नहीं होती।
डॉ. सिंह ने कहा, “आम जनता बहुत उम्मीद लेकर कलेक्टर के पास पहुंचती है। जब निचले अमले से समस्या का हल नहीं होता, तभी कोई व्यक्ति बहुत मजबूरी में आपके पास पहुंचता है, इसलिए हर जिले में ऐसी सक्षम और प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी कलेक्टर तक पहुंचकर अपनी बात रख सके।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहता हूं कि आप लोगों को जो पद और जिम्मेदारी मिली है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। आपकी कार्यशैली से न सिर्फ जनता पर सीधा असर पड़ता है, बल्कि उससे सरकार की छवि भी बनती है।”
सूखा प्रभावित किसानों को 31 तक मिले मुआवजा :
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यहां मंगलवार को कलेक्टर्स कान्फ्रें स में प्रदेश के सभी 117 सूखा घोषित तहसीलों में राज्य शासन के निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6.4 के तहत किसानों को मुआवजा वितरण सभी जिलों में इस महीने की 31 तारीख तक अनिवार्य रूप से कर दिया जाए।
वहीं कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सूखा प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी) 6.4 के तहत अब तक 41 करोड़ 94 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। लगभग 83 हजार 412 किसानों को यह राशि वितरित की गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को मुआवजा वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि 31 मार्च तक समस्त प्रभावित किसानों को उनकी पात्रता के अनुसार मुआवजा राशि अनिवार्य रूप से वितरित कर दी जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को इस वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च तक) प्रत्येक जिले में कम से कम एक विकासखंड को शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) विकासखंड बनाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने ये निर्देश भी दिए हैं कि 31 मार्च तक हर जिले में कम से कम एक शहरी क्षेत्र को भी खुले में शौच मुक्त नगरीय निकाय घोषित करने का लक्ष्य लेकर काम किया जाए। कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि राज्य के सभी 27 जिलों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब तक 462 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जा चुका है।