उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हिंसा व अन्य प्रकार दूषित सामग्रियों से भरी फिल्में बच्चों के मन पर गलत असर डालती हैं। ऐसे में बाल फिल्म महोत्सव बच्चों को अच्छी फिल्मों की ओर आकर्षित करने का बढ़िया जरिया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत यान लुइक्सि ने दीप जलाकर किया। फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के बाल कलाकार दर्शील सफारी एवं बाल नृत्यांगना अवनीत कौर भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
फिल्मोत्सव में बाल कलाकार दर्शील सफारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यहां आकर व बहुत सारे बच्चों से मिलकर अच्छा लग रहा है। यह महोत्सव बच्चों को अपने अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानने में मदद करेगा। बाल नृत्यांगना अवनीत कौर ने कहा कि यह महोत्सव अपने आप में अनूठा है और 80 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मों का प्रदर्शन सचमुच ऐतिहासिक व अनूठा है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन (गुरुवार को) हजारों बच्चों ने ‘ए डॉटर्स ड्रीम’, ‘टच फ्री’, ‘खेल खिलौना’, ‘द मैजिक’, ‘रेड ड्रीम’, ‘द बीच मैन’, ‘विद्या, ड्रीम्स शुड बी लिमिटलेस’, ‘फिश विलेज’, ‘ये कैसा जहान’, ‘जिम्मेदारी’, ‘द मैजिक शूज’, ‘यू आर नॉट अमेरिकन’, ‘द किड्स एंड द बाइक’, ‘बर्थडे गिफ्ट’, ‘शेअर्ड स्माइल’, ‘गुलदस्ता’, ‘डायनासोर’, ‘माई फ्रेंड चार्ली’, ‘ए म्यूजिक लाइफ टाइम’, ‘ए ब्वाएज प्रेयर’, ‘बिग ब्वाय’, ‘टू ब्रदर्स’, ‘आर वी एनीमल्स’, ‘द एक्सपेरीमेंट’, ‘हाई एबब द स्काई’ आदि फिल्मों का आनंद उठाया।