वाराणसी-अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी में आज दिनांक 23 जनवरी 2020, दिन- वृहस्पतिवार को परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी का ‘अनन्य दिवस’ पर्व श्रद्धा एवं भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर प्रातः ६ बजे श्रद्धालुओं द्वारा प्रभातफेरी निकाली गयी, जो पड़ाव आश्रम से अघोरेश्वर भगवान राम घाट, अघोरेश्वर महाविभूति स्थल, डोमरी तक गयी। माँ गंगा के पवित्र जल में स्नानोपरांत श्रद्धालुओं ने अघोरेश्वर महाप्रभु की समाधि का दर्शन-पूजन किया और पुनः पड़ाव आश्रम वापस आये। इसके पश्चात् 9 बजे गणेश पीठ स्थित परमपूज्य अघोरेश्वर चरणपादुका का पूजन साधु मगहिया राम जी द्वारा किया गया। तदुपरांत श्री पृथ्वीपाल जी द्वारा सफयोनि का पाठ किया गया। इसके उपरांत श्रद्धालुओं ने भी दर्शन-पूजन करके प्रसाद ग्रहण किया।
लगभग 11:30 बजे साधु मगहिया राम जी की उपस्थिति में एक विचार-गोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें वक्ता के रूप में श्री सर्वेश्वरी समूह के उपाध्यक्ष डॉ० बी० बी० सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष श्री विजय बहादुर सिंह, अघोर शोध संस्थान के निदेशक डॉ० अशोक कुमार, डॉ० अनिल, राजेश, सीमा तथा प्रीतिमा थे। गिरिजा तिवारी ने भजन प्रस्तुत किया। मंगलाचरण ओमप्रकाश तिवारी ने किया। गोष्ठी का सञ्चालन श्री सर्वेश्वरी समूह के प्रचार मंत्री पारस नाथ यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त मंत्री श्री अरविन्द कुमार ने किया। वक्ताओं ने परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी को याद किया और उनके दिखाए राह पर चलकर सच्ची शांति और सुखमय जीवन जीने की प्रेरणा दी।
विशेष उल्लेखनीय है की समाज में नारियों के साथ हो रहे अभद्र और अमर्यादित आचरण-व्यवहार के उन्मूलन हेतु संस्था द्वारा इस वर्ष यह पर्व नारी-सम्मान दिवस के रूप में मनाया गया।
इस पर्व के मनाये जाने के पीछे की कथा अघोरेश्वर महाप्रभु के शब्दों में—
“आज के दिन मुझे अन्नदान मिला था- एक बुढ़िया के हाथों से। मैं भिक्षा माँगता फिरता था और बहुत दिनों का भूखा था। जिसके यहाँ भी माँगने जाता, सभी तिरस्कार करते। साधुओं के पल्टन में जाता तो खड़िया-पल्टन कहकर खदेड़ देते थे। हर जगह तिरस्कारपूर्ण शब्दावली से ही स्वागत होता था। बहुत उपेक्षित रहा मै। आज ही माघ कृष्ण चतुर्दशी के दिन उस बुढ़िया ने अपने फाँकते हुए अन्न में से एक मुट्ठी अन्न मुझे दिया। उसी दिन से मुझे वस्त्र मिला, अन्न भी मिला, जल भी मिला और इतना मिला कि मैं दूसरों की तरफ टारने लगा”।
उल्लेखनीय है कि यह पर्व प्रत्येक वर्ष माघ कृष्ण चतुर्दशी को श्री सर्वेश्वरी समूह के सदस्यों एवं अघोरेश्वर महाप्रभु के शिष्यों द्वारा मनाया जाता है। मुख्य रूप से प्रयागराज के संगम पर लगने वाले माघ मेला में शिविर लगाकर लगभग एक पखवाड़े तक पर्व को मनाने का कार्यक्रम चलता है। यहाँ पर पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी के सान्निध्य में यह पर्व बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा समूह की देश भर में फैली शाखाओं द्वारा भी यह पर्व बड़े उल्लास और विविध जनसेवा कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।