नई दिल्ली, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को पूर्व रक्षामंत्री ए.के.एंटनी से स्पष्ट करने के लिए कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए रिश्वत लेने वालों में कोई कांग्रेस नेता था या नहीं।
भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि एंटनी ने सौदे में भ्रष्टाचार की पुष्टि की थी।
प्रसाद ने कहा, “अगर उन्होंने (एंटनी) स्पष्ट किया है कि रिश्वतखोरी हुई है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि क्या इसमें कोई कांग्रेस नेता शामिल था।”
उन्होंने कहा, “रिश्वत देने वालों को दोषी ठहराया जा चुका है, फिर रिश्वत लेने वाले क्यों खामोश हैं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा प्रभावित किया गया।
हेलीकॉप्टर सौदे की सीबीआई जांच जारी है।
मंत्री ने कहा, “सरकार को उम्मीद है कि सीबीआई मामले की जांच जल्द निपटा देगी।” उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले में काले धन को अवैध बनाने के आरोपों की जांच करनी चाहिए।
इटली की कंपनी फिनमेक्के निका के पूर्व प्रमुख गियुसेप ओरसी तथा अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व प्रमुख ब्रुनो स्पागनोलिनी को भारत को 12 हेलीकॉप्टर बेचने में भ्रष्टाचार के लिए मिलान की अपीली अदालत ने जेल की सजा सुनाई है।
ओरसी को साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई, जबकि स्पागनोलिनी को चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।
सौदा रद्द होने से पहले तीन हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को सौंपे जा चुके थे।
भारतीय वायुसेना ने एमआई-17 कार्गो हेलीकॉप्टर की जगह अगस्ता वेस्टलैंड को लेने की मंजूरी दी थी।
वहीं, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने कहा था कि यह सौदा संसाधनों की बर्बादी होगी।
अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलीकॉप्टर समझौता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ए.के.एंटनी के कार्यकाल में हुआ था, जिसपर फरवरी 2010 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने हस्ताक्षर किया था।
मिलान अपीली अदालत ने 225 पृष्ठों के फैसले में एक न्यायाधीश ने कहा कि 53 करोड़ डॉलर कीमत के 12 एडब्ल्यू101 हेलीकॉप्टर की आपूर्ति का ठेका पाने के लिए इटली की कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
अगस्ता की मातृ कंपनी फिनमेक्के निका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गियुसेप ओरसी की गिरफ्तारी के बाद समझौते पर विवाद पैदा हो गया था और उसके बाद भारत सरकार ने सौदे को 2013 में रद्द कर दिया था।