नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने कोयला ब्लॉकों की चल रही नीलामी के सातवें दिन शुक्रवार को सरकार ने कहा कि दूसरे दौर की नीलामी 25 फरवरी से शुरू होगी। सरकार ने अब तक कोयला ब्लॉक नीलामी से 84,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
इस समय उन कोयला ब्लॉकों की नीलामी चल रही है, जिनका आवंटन सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “दूसरे दौर की नीलामी 25 फरवरी से शुरू होगी और दो अप्रैल तक चलेगी।”
स्वरूप ने कहा कि अनियमित क्षेत्र के लिए 27 ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, जबकि 56 ब्लॉक नियमित बिजली क्षेत्र को आवंटित किए जाएंगे।
कोयला सचिव ने कहा, “31 मार्च तक 83 कोयला ब्लॉकों की या तो नीलामी कर दी जाएगी या उन्हें आवंटित कर दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि सरकार ने कोयला ब्लॉकों की ई-नीलामी के जरिए अबतक 83,662 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
स्वरूप ने कहा, “कोयला नीलामी से प्राप्त 83,662 करोड़ रुपये में से बड़ा हिस्सा गरीब राज्यों को जाएगा। ओडिशा को 607 करोड़ रुपये मिल सकते हैं, मध्य प्रदेश को 39,900 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 18,900 करोड़ रुपये मिलेंगे।”
नीलामी के तीसरे दिन गुरुवार को जिंदल स्टील ने छत्तीसगढ़ में स्थित गेयर पलमा द्वितीय और तृतीय खदानें नीलामी में वापस हासिल कर लिए। इस खदान से प्रति वर्ष 62.50 लाख टन कोयला उत्पादित होता है, और यह कंपनी का सबसे बड़ा उत्पादन होगा।
इस बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा नीलामी से सीएजी की वह आलोचना सत्यापित हुई है, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के पूर्व सरकार के तौर-तरीके को अनुचित करार दिया था।
सीतारमण ने एक कार्यक्रम से अलग कहा, “कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीएजी की पिछली रपट की दुर्भाग्यवश अनावश्यक रूप से आलोचना की गई थी, लेकिन आज के आंकड़े और जिस पारदर्शी तरीके से इस सरकार ने कोयला ब्लॉक आवंटन की डिजाइन तैयार की है, उससे दोनों बातें साफ हुई हैं।”
उन्होंने कहा, “सीएजी का रुख निश्चित तौर पर सत्यापित हुआ है, लेकिन मैं यहां इससे बड़ी बात कहना चाहती हूं। हमारे रुख की पुष्टि हुई है।”
उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने 2012 में एक रपट में अनुमान लगाया था कि तत्कालीन संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुए कोयला ब्लॉक आवंटनों से सरकारी खजाने को 186,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सितंबर में 204 कोयला खदानों के आवंटन रद्द कर दिए थे। उसके बाद सरकार ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी करने का निर्णय लिया।
पहले दौर में 19 ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है। इस दौर की नीलामी का अंतिम दिन 22 फरवरी है।