सिद्धार्थ दत्ता
सिद्धार्थ दत्ता
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को कहा कि अगर लोग चाहेंगे तो वह राजनीति में शामिल होंगे। पटेल ने हाल ही में अखिल भारतीय पटेल नवनिर्माण सेना (एबीपीएनएस) के गठन का ऐलान किया है।
पटेल ने आईएएनएस से खास मुलाकात में कहा, “जब समय आएगा तब राजनैतिक कदमों के बारे में सोचा जाएगा। मैं अकेले फैसला नहीं ले सकता। हम सब मिलकर फैसला करेंगे।”
22 साल के हार्दिक ने गुजरात में पटेलों को आरक्षण देने के लिए आंदोलन छेड़ रखा है। उन्होंने पटेल नवनिर्माण सेना का गठन कुर्मी, मराठा, पाटीदार और गुज्जर समुदाय को एक झंडे के नीचे लाने के लिए किया है। इसका मकसद “किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के हितों के लिए काम करना है।”
अखिलेश कटियार को एबीपीएनएस का महासचिव बनाया गया है। कटियार भाजपा की सहयोगी लोक समता पार्टी के सदस्य हुआ करते थे। दिल्ली में पटेलों की पहली सभा आयोजित करने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।
हार्दिक ने कहा कि अक्टूबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में कुर्मियों, पाटीदारों, गुज्जरों और मराठों की रैली होगी। उन्होंने कहा, “हम अपने कुर्मी भाईयों में जागरूकता पैदा कर इस संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।”
हार्दिक से पूछा गया कि पीएएसएस गुजरात में अच्छा काम कर रही, फिर नए संगठन की जरूरत क्यों पड़ी? जवाब में हार्दिक ने कहा, ” पीएएसएस गुजरात में पटेलों के आरक्षण के लिए लड़ रही है। एबीपीएनएस एक गैर राजनैतिक संगठन है जिसका मकसद 27 करोड़ कुर्मी, मराठा, पाटीदार और गुज्जरों को एकजुट करना है। “
उन्होंने कहा कि अगर जाट समुदाय उनसे संपर्क करेगा तो वह जाटों को भी संगठन में शामिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार के चुनाव में उनका समर्थन जद-यू को नहीं बल्कि नीतीश कुमार को है क्योंकि नीतीश उनके समुदाय के हैं।
हार्दिक ने कहा कि आरक्षण का आधार “सिर्फ और सिर्फ जाति होनी चाहिए, कुछ और नहीं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए।
हार्दिक ने कहा कि एबीपीएनएस कुर्मी समुदाय को झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में आरक्षण दिलाने के लिए लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कुर्मी समुदाय ने गुजरात में उनकी लड़ाई में साथ देने का वादा किया है।