नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया। रमानी ने मंत्री पर देश में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अकबर ने महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न तब किए थे, जब वह संपादक हुआ करते थे। अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया है।
अकबर ने अपने मुकदमे में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ झूठी कहानी का प्रसार प्रायोजित तरीके और एक एजेंडे को पूरा करने के लिए किया गया।
करीब दर्जन भर महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, जिसके कारण विदेश राज्यमंत्री को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
आरोपों का जवाब देते हुए अकबर ने दावा किया कि मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित झूठे और अपमानजनक बयानों ने उनकी साख को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।
अकबर ने पटियाला हाउस अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि रमानी ने पूर्णतया झूठे व ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है।
अधिवक्ता संदीप कपूर द्वारा दाखिल अर्जी में कहा गया है, “आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ लगाए गए अपमानजनक आरोप प्रथमदृष्टया अपमान सूचक हैं और इन्होंने न केवल शिकायतकर्ता की उनके समाज व राजीतिक गलियारे में बरसों की मेहनत व मशक्कत के बाद अर्जित की गई उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि समुदाय, दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों में उनके निजी सम्मान को भी प्रभावित किया है। इससे उन्हें अपूरणीय क्षति और अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है।”
वकील ने कहा कि महिला पत्रकार ने घटनाओं का उल्लेख किया है, जो 20 साल पहले हुई थीं और साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि अकबर ने उनके साथ कुछ भी नहीं किया।
मुकदमे में कहा गया, “आरोपी व्यक्ति (रमानी) का शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ कथित घटना को लेकर किसी अधिकारी के समक्ष किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के आचरण का उल्लेख करना उचित है। साथ ही यह आरोपी द्वारा लगाए गए आरोपों और धारा की पवित्रता को स्पष्ट रूप से झूठा साबित करता है।”
शिकायत में कहा गया, “हालांकि आरोपी ने स्वीकार किया है कि शिकायतकर्ता (अकबर) ने उनके साथ कुछ गलत नहीं किया, जिससे साबित होता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए द्वेषपूर्ण, काल्पनिक और भद्दे आरोप लगाए।”
वकील ने कहा कि ऐसी कुछ खबरों से अकबर का बहुत अपमान हुआ है और जनता की नजरों के साथ साथ उनके परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों, राजनीतिक गलियारों और सहयोगियों में उनकी साख को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अदालत से महिला पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया।
अकबर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ अपने मानहानि आरोपों को साबित करने के लिए दो वरिष्ठ महिला पत्रकारों और चार अन्य लोगों को गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है।